रविवार, 6 मई 2012

    भटके हुए राही को मंजिल मिल ही जाती है
गुमराह तो वो  है जो घरो से निकलते ही नहीं


लीक लीक गाड़ी चले लीकय चले  कपूत
लीक छोड़ तीनो चले
सायर सिंह सपूत

दिल में जो जख्म है
ओ सब फूलो के गुच्छे है
हमको पागल ही रहने दो
हम पागल ही अच्छे  है


संघर्षो के साए में असली
आजादी पलती है
इतिहास धर मुड़ जाता है
जिस और जवानी चलती है

     आपका
देवेन्द्र पाण्डेय "डब्बू जी "

शुक्रवार, 4 मई 2012

     
नाथू राम बिनायक गोडसे
महान थे यदि  ये  गाँधी को
गोली नहीं मरते तो
आज़ादी के साथ ही
 
सम्पूर्ण भारत
गुलाम हो जाता क्यू  की
गाँधी मुस्लिम हीतैसी  थे
और नेहरु सत्ता लोभी फिर
सच्चा हिन्दू क्या करता
नाथूराम ने जो किया क्या गलत था ...
सोचो हिन्दुओ सोचो ..
हिन्दू कायर नहीं सपूत था.है.और रहेगा
जयहिंद वंदेमातरम जयहिंद


भारत का बट्बारा एक मुस्लिम रास्ट्र
की जिद पे हुआ तो दूसरा हिन्दू रास्ट्र
बनाना चाहिय था परन्तु दुखद
एक मुस्लिम और दूसरा
सर्व धर्म सराय बनगया
क्यों ..........................
उससे भी दुखद दोनों देसों के प्रथम
प्रधान मंत्री मुसलमान ही हुए
पकिस्तान में जिन्ना
भारत में गयासुद्दीन गाजी का
पोता 'यानी नेहरु'
आखीर कबतक हिन्दू ठगा जाता रहेगा
कबतक सोचो कबतक ........................


    आपका
देवेन्द्र पाण्डेय "डब्बू जी "