शुक्रवार, 14 मार्च 2014


नाथू राम गोडसे पत्रकार थे और हिन्दू महासभा कि कर्मठ सिपाही थे देश भक्ति और हिंदुत्व बाद उनके अंदर कूट कूट कर भरा था    लोगो का मानना है कि नाथूराम गोडसे ने गाँधी जी को गोली मरी क्यों कि गाँधी जी का अटूट मुस्लिम प्रेम नाथूराम कि नजरो में भारत को बर्बादी कि ओर लेजा रहा था गाँधी जी मन्दिरो में बैठ कर कुरान तो खूब पढते थे मगर कभी किसी मस्ज़िद में गीत पढने कि हिम्मत नहीं जुटा पाये गाँधी जी ने पकिस्तान को करोडो का अनुदान तब दिया जब भारत के खुद के हालात अच्छे नहीं थे पाकिस्तान का निर्माण होने के बाद पूर्वी से पश्चिमी पाक लो जोड़ने जिन्ना के प्रस्ताव पर गाँधी जी का विचार करना जिसके कारण भारत का एक और बिभाजन होजाने जैसा था और भारत तब सायद पाकिस्तान से भी छोटा होजाता परमपूज्य मोहनदास करमचंद गाँधी अपने भाई कि पोती सहित अनेको महिलाओ के साथ निर्वस्त्र सोया करते थे गाँधी जी के ये सभी कृत्य नाथूराम को स्वीकार इस लिए नहीं थे क्यों कि वो गाँधी जी का बहोत आदर करते थे साथ ही नाथूराम गोडसे खुद को सच्चा हिन्दू और देशभक्त मानते थे और ये बात सिद्ध हुई जब अपने आदर्श रहचुके गाँधी जी को गोली मारी और फाँसी में झूल गए ये नाथूराम का पागल पन ही था कि उन्हों ने कहा कि मेरी अस्थियो को पवित्र सिन्धु नदी में तब प्रवाहित किया जाये जब ये भगवा ध्वज कि नीचे बहाने लगे दुःखद है कि हिन्दू बाद कि बड़ी बड़ी डींगे मारने बाले देश के नेता वोटो कि लालशा बस हिन्दू बादी मुखौटा तो खूब लगते है परन्तु सत्ता में आते ही सभी मुस्लिम चिराग के जिन्न साबित होते है जिसके उदहारण आये दिन देश भर में देखे जा सकते है और ऐसे ही फर्जी हिन्दू बादियो के कारण ही नाथूराम कि अस्थिया आज भी सच्चे देश भक्तो सच्चे हिन्दूओ के जन्म और जज्बात कि राह देख रही है हिन्दू तुम ठग हिन्दू बादियो से साबधान हो देश के नेताओ को इश बात पर बहश नहीं करनी चाहिए कि गांधी को गोली किसने मारी बहश का मुद्दा तो ये होना चाहिए कि गोडसे ने गांधी बध को देश हित में जरुरी क्यो मना  जागो रे जागो