शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014

    मोदी को  मातृ द्रोही मातृ हन्ता न कहू तो क्या कहू ..........?  
हिन्दू के साथ जबभी आघात हुआ तो अघाती के रूप में हमेशा अपनो का चेहरा नजर आया  जिन पर अटूट भरोषा किया गया वो ही गद्दार निकले इतिहास गबाह है की भरत भूमि आर्यावर्त जो अब सिकुड़ कर 10 प्रतिशत भी नही रहगयी उसकी इस दुर्दशा का दोसी कोई दुश्मन कभी न था हमेशा ही अपनो ने अपनो से घात की और अपनो की गर्दन कटबाई परिणाम हजारो साल तक गुलाम रहे हम आज भी गुलाम ही है ,कल की गुलामी से आज भी सबक नहीं लिया गया बल्कि आज तो ठगी की सारी हदें ही पार हो चुकी है जब भगवान् से उनका मन्दिर बनाने के नाम पर झूठ बोला जाता है और उसके चन्दे से सत्ता का सिंघासन हासिल किया जाता है तब ये सत्ता सीन भूल जाते है की जिनके नाम पर ये राजपाट मिला है वो आज भी 10 रुपये की पन्नी में गर्मी ,ठंडी,बरसात,में बैठे झुट्ठो की औकात का आंकलन कर रहे है ,कल तक गऊ में माँ का रूप देखने बालो को आज गऊ मांस के निर्यात से ज्यादा से ज्यादा धन कमाने की पड़ी है हिन्दू कैसे बर्दास्त करे अपनी माँ का क़त्ल और बड़े मांस बिक्रेता का बाह खिताब जो आज भारत को मिला है ,जहा पहली रोटी गाय को निकली जाती है फिर निवाला अंदर जाता है उस देश का ये विनाश सन्त समाज मौन साधे क्या सत्ता के भय से खामोश है ,सारी दुनिया खामोसी और भय के आगोश में समाजाये परन्तु अपने प्रभु से गद्दारी और माँ के हत्या पर हिन्दू महासभा खामोश रहे ऐसा सम्भब नहीं क्यों की हिन्दू महासभा जिन्दा हिन्दुओ का संगठन है जो अपने सम्मान अपनी संस्कृति अपनी गऊ माँ और अपने राष्ट्र के लिए मर मिटने तैयार है ! तो सच्चे हिन्दू जागो और संस्कृति बिरोधी नीतियों का खुला बिरोध करो ! मर मिटने से पहले जग में हिन्दू जागो रे जागो ,ये आर्यावर्त तुम्हारा ये भरत भूमि तुम्हारी है जागो रे जागो ………!
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मोदी सरकार में ‘गुलाबी क्रांति’ में जबरदस्त बढ़ोत्तरी

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के दौरान उस समय के बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार पर पिंक रेवोल्यूशन यानी भैंस के मीट के निर्यात को बढावा देना का आरोप लगाया था. मोदी के पिंक रेवोल्यूशन के मुद्दे को विपक्ष ने सांप्रदायिक बताया था. मोदी के पीएम बने करीब 6 महीने हो गए हैं इस दौरान न सिर्फ मीट निर्यात जारी है बल्कि भैंस के मीट के निर्यात में 15 फीसदी का इजाफा भी हुआ है.

लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार पर गुलाबी क्रांति यानी पिंक रेव्लुशन को बढावा देने का आरोप लगाया था. लेकीन अब बीजेपी सरकार के 6 महिने पूरे हो गए हैं और वाणिज्य मंत्रालय के जारी आंकडों के मुताबिक मीट निर्यात में 15 फिसदी की बढोतरी हुई है पिछले साल के मुकाबले. ऐसे में सवाल उठता है की क्या मोदी उस वक्त सच कह रहें थे, क्या वाकई में कोई गुलाबी क्रांति हो रही थी या सिर्फ चुनाव के लिए ये बात बोली गई थी?

 
ये है देश के वाणिज्य मंत्रालय की वेबसाइट- इस वेबसाइट पर भैंस के मीट के निर्यात का आंकड़ा देखिए- जिस नरेंद्र मोदी ने चुनाव में पिंक रिवल्यूशन यानी भैंस के मीट के निर्यात का मुद्दा उछाला था उनके 6 महीने के कार्यकाल में भैंस के मीट के निर्यात का कारोबार खूब फला-फूला है. आंकड़ों के मुताबिक मीट निर्यात में पिछले साल के अप्रैल-अक्टूबर के मुकाबले इस साल अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 15.58 फिसदी की बढोतरी हुई है. 2013 के  अप्रैल- अक्टूबर के बीच करीब 13 हजार 917 करोड़ रुपये का मीट निर्यात हुआ था जबकि इस साल इसी अवधि के दौरान करीब 16 हजार 85 करोड़ रुपये का मीट निर्यात हुआ. यानी भैंस के मीट के निर्यात में 15.58 फीसदी की बढोतरी हुई. इतना ही नहीं, सबसे ज्यादा निर्यात किये जाने वाले 20 उत्पादों की सूची में मीट निर्यात में 16 वें नंबर पर पहुंच गया. यानी मीट कारोबार जिस तरह यूपीए सरकार के समय चल रहा था वैसे ही मोदी सरकार के समय चल रहा है.
 
चुनाव के समय नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार पर ये कह कर हमला बोला था कि मनमोहन सरकार चोरी-छिपे मीट निर्यात को बढ़ावा दे रही है. पहली बार इसके लिए गुलाबी क्रांति यानी पिंक रिवॉल्यूशन शब्द का इस्तेमाल हुआ था. अब सवाल उठ रहा है कि मोदी ने जिसे पिंक रिवल्यूशन कहा था क्या वह महज एक चुनावी मुद्दा था.

वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि संसद में मीट निर्यात के बारे में पूछे गए सवाल का वह जवाब दे चुकी हैं. 

कमाई इतनी ज्यादा हो गई है कि उस पर रोक लगाना अब मुमकिन नहीं है?

भारत से निर्यात किये जाने वाले भैंस के मीट को बोमइन कहा जाता है . सवाल उठता है कि मीट के निर्यात में हर साल इजाफा क्यों हो रहा है. क्या निर्यात से होने वाली कमाई इतनी ज्यादा हो गई है कि उस पर रोक लगाना अब मुमकिन नहीं है?

मीट निर्यात से जुडे लोग और व्यापारियों और जानकारों का कहना है कि लगातार बढती मांग और अच्छी गुणवता के चलते मीट निर्यात में लगातार बढोतरी हो रही है

आइए अब हम आपको आंकड़ों से समझाते हैं कि हर साल किस तरह बढ़ रहा है मीट का कारोबार- लोकसभा में 28 नवंबर 2014 को संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक 2011-12 के दौरान 13 हजार 741 करोड़ रुपये के मीट का कारोबार हुआ वहीं ये बढ़ कर 2012-13 में 17 हजार 409 करोड़ रुपये का हो गया. 2013-14 में पिछले सारे रिकॉर्ड को तोड़ते हुए निर्यात 26 हजार 457 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.

आयात और निर्यात के प्रमोशन के लिए काम करने वाले संगठन एफआईईओ के मुताबिक भारत के मीट निर्यात कारोबार के स्तर में हाल के सालों में जबरदस्त सुधार आया है. गुणवत्ता में सुधार के चलते भारत के मीट की विदेश में मांग भी बढ़ी है. निर्यात कई देशों तक फैल चुका है.  

लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी सभाओं में मीट निर्यातक का मुद्दा जमकर उछाला था. मोदी के बयान पर सांप्रदायिकता का आरोप भी लगा. इस मुद्दे पर उन्होंने एबीपी न्यूज के खास कार्यक्रम घोषणापत्र में सफाई भी दी थी.

चौंकाने वाली बात ये भी है कि केंद्र में बीजेपी सरकार बनने के 6 महीने बाद बीजेपी शासित किसी राज्य ने अभी तक मीट निर्यात पर रोक लगाने की बात नहीं की है. पहले भी किसी बीजेपी शासित सरकार ने इस संबंध में कभी कोई सवाल नहीं उठाया. अब बड़ा सवाल ये है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मीट निर्यात के मुद्दे पर आखिर यू टर्न क्यों लिया है.

शनिवार, 13 दिसंबर 2014

     अपने स्वार्थ के लिए हिन्दुत्व के नाम पर  भाटगिरी करने बाले हिन्दू हमारे हितैसी नहीं ये तो हिन्दू द्रोही और घाती है इन बहरूपियो से हिन्दू अब साबधान रहे !
बेशर्म है वो कितने जो हिन्दुओ को आज भी राम मंदिर का लाली पॉप चुसबा रहे है। हमें दुःख होता है जब ऐसे कुत्ता भोकुओ के बयान पढता हु जो बार बार राम को गली गली में अपने स्वार्थो के लिए बेचते फिरते है ! राम मंदिर के चन्दा खोरो की सत्ता लोभी नियत को सरे देश ने देखा जिन्हो ने राम को भगवन श्री राम नहीं रहने दिया प्रभु राम सहित उनके मंदिर को सिर्फ चुनावी मुद्दा बना कर रख दिया ! राम जन्म भूमि का मुक़दमा हिन्दू महासभा ने जीता तो मन्दिर बनाने का हक़ भी हिन्दू महासभा को ही हुआ परन्तु हिन्दू महासभा ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में  याचिका दायर की जिसपर फैसला आना बाकि है तो भाजपाई,आरएसएस ,विहिप के भांटो से जनता पूछे की ये मन्दिर हवा में बनायेगे क्या ! दुःख की बात है की नाथूराम विनायक गोडसे जैसे महान राष्ट्र भक्त की चर्चा में सत्ता सीनो की अब सांसे उखड जाती जो कल तक गोडसे जयंती मानते थे ! पूरी दुनिया में मिडिया की भाटगिरी से चर्चित महानायक से पूछना जरुरी है की इस सत्य अवतारी ने धारा 370 का किससे सौदा कर लिया,सामान नागरिक सहित की हवा क्यू निकल गई ,fdi के हांथो देश का सौदा करने की मज़बूरी क्या थी ! मन्दिर निर्माण सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर क्यू रहगया ! हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने में कौन सी बाधा है,अब तक कितने बंगलादेसी चिन्हत हुए जो देश में घुसपैठ कर रहते है ,कौन लोग है जिन्होने  घुसपैठियों को संरक्छण दिया हुआ है ,इस सरकार ने पाकिस्तान से जान बचा कर आये हिन्दुओ के लिए क्या किया जिनका घर ,सम्पत्ति ,इज़्ज़त सब कुछ लूटली गई उनको भारत सरकार बापस पाकिस्तान क्यू भेजना चाहती है  ,रोजगार का प्रलोभन ,व्यापार का प्रलोभन ,सुरक्छा का प्रलोभन ,सम्मान का प्रलोभन परोस का सत्ता सुख भोगने बालो से उनकी कथनी करनी पर अब जनता को जवाब की जरुरत है ! सरकार का पहला दिन भी बड़े से बड़े निर्णय के लिए पर्याप्त होता है और झूठो के लिए सारी जिंदगी भी किसी काम को करने के लिए काम पड़ जाती है ! बड़े प्रलोभन और चीख चिल्ला कर अपनी महिमा का गान तान करने बालो से उपरोक्त सन्दर्भ में हर हिन्दू को जवाब लेना होगा बरना ठगो के हांथो खुद को ठगाने का आत्म घाती खेल खेलते खेलते हिन्दू बिलुप्त होजायेग ! हे हिन्दू अपने देश व धर्म के उत्थान के लिए जागो रे जागो 

बुधवार, 3 दिसंबर 2014

    6  दिसम्बर को राम मन्दिर की वो इमारत ध्वस्त करदी गई जिसे बाबर ने अपने नाम पर बाबरी मस्जिद का नाम दे दिया था ! परन्तु सरे सवूतो ने इश बात को प्रमाणित किया है की वो इमारत हिन्दू मन्दिर ही थी !हिन्दुओ की वोट लेने हिन्दुओ के हांथो हिन्दू मन्दिर तुड़बाने का पापी कौन … ?
जिन्हो ने राम मन्दिर निर्माण का सपना दिखा कर हजारो कार सेवको की मौत का तन बाना बुना उन्हों ने कभी उस माँ से उस बहन से उस पत्नी से उसका दर्द नहीं पूछा जिसने अपनी कुर्वानी राम मन्दिर निर्माण हेतु दी … ?
राम मन्दिर निर्माण के नाम पर इकट्ठा हुए करोडो रुपये  कुन्टलों सोने की ईंटो को कौन निगल गया … ?
कभी पूर्ण बहुमत का रोना रोने बालो  को पूर्ण बहुमत मिलने पर अब क्यू साप सूंघ गया … ?
राम मन्दिर की भूमि न्यायलय द्वारा हिन्दू महासभा  को मिली और हवा में मन्दिर बनाने का सपना बेचने बालो  झूठ बोलते बालो को तनिक भी नहीं आई  जो कहते है ,राम लाला हम आयेगे मन्दिर बही बनायेगे , अरे हिन्दुओ ये राम के नाम पर हमारा कत्ल करबायेगे , राम जी के नाम पर चंदा खोरी करेंगे,राम के नाम पर सरकार बनायेगे,हिन्दुओ में नफ़रत फैलायेगे और वोटो के लोभ में अपनी रोटी बेटी का रिस्ता मुसलमानो से करेंगे ,करे मरे हमें क्या करना है ये तो ठग है सत्ता लोभी है इन्हे शर्म आती नहीं की रामलला 10 रुपये की पन्नी में बैठे राजनीती का निवाला बनगए और सत्ता सीन सैकुलर होगये … ? तो हिन्दू  कैसे मनाये शौर्य दिवस जब अपनो की करनी से वो शर्म सार हो … ? हिन्दू महासभा ही बनायेगी  जन्म भूमि में भव्य श्री राम प्रभु का मन्दिर यही सत्य है अटल है यही हमारी प्रतीज्ञा है .... हमें राजनीती नही राम चाहिए हर हिन्दू को सम्मान  हर हाँथ को काम चाहिए ! सारे सच्चे हिन्दू प्रेम से बोलो जय श्री राम !