रविवार, 15 नवंबर 2015

नथूराम जी के चरणो में कोटि कोटि नमन प्रणाम ! नथूराम विनायक गोडसे जी की कुर्वानी का आंकलन सम्पूर्ण राष्ट्र में होना जरुरी है ! जरुरी सिर्फ इस लिए नहीं की उन्होंने गाँधी का बध किया बल्कि इस लिए भी की उन्होंने भारत के एकता अखण्डता स्वतंत्रता के हितार्थ फाँसी का फंदा अपने गले में जयमाला की तरह पहन लिया था ! अन्तिम शब्द जो अमर हुए वो जय हिन्दू राष्ट्र और अखण्ड भारत थे ! यदि ऐसे संस्कारी सपूत के देश भक्ति के सम्मान को सरकार हिन्दू महासभा की उदण्डता समझती है तो हमें अपनी उदण्डता पर गर्व है ! देश भर के लगभग 270 शहरो में आज 15 नवम्बर 2015 को नथूराम जी के बलिदान को शौर्य दिवश के रूप मनाया ! हिन्दू महासभा ने नाथूराम जी की अस्थियों को विषर्जित करने का संकल्प लिए जो गोडसे जी की अंतिम इक्षा के अनुरूप सिन्धु नदी के भगवा ध्वज के छाँव में प्रबाहित होने पर विषर्जित होने की प्रतीक्षा में आज भी हिन्दू सपूतो की बाट जोह रही है ! हमारा संकल्प भयमुक्त सबल सक्षम अखण्ड हिन्दू राष्ट्र का निर्माण करना था !है  !और रहेगा ! हिन्दू महासभा के समस्त सपूतो को हमारा सादर प्रणाम  !