शुक्रवार, 18 मार्च 2022

भाजपा से अच्छा तो आतंकवादी है

जिसके चेहरे पर नकाब नही है ।

गुलामी छोड़ो, सत्यता को स्वीकार करो,हिंदू अपनी दुर्गति का इतिहास लिखना बंद करो 👇,आतंकी बिट्टा उर्फ फारुख अहमद,अपनी गलती स्वीकार कर सकता है । परंतु भाजपा नही, द कश्मीर फाइल, नामक फिल्म जिसका प्रमोशन प्रधान मंत्री स्वयं कर रहे है, यह फिल्म हिंदुओं की बहादुरी का इतिहास नही बल्कि कायरता एवम दुर्गति के प्रदर्शन का उत्सव है । RSS और BJP के गठन से लेकर आज तक के इतिहास पर नजर डाली जाए तो चौकाने वाले तथ्यों से दिमाग चकरा जायेगा, चाहे देश का बटवारा हो, या हिंदुत्व के नाम पर हिंदुओ का शोषण ।आज सिर्फ चुनिंदा बिंदुओं पर चर्चा करेंगे, इनके इतिहास पर फिर कभी नजर डालेंगे ।
व्ही पी सिंह सरकार जिसमे भाजपा भी शामिल थी। 
दिनांक 2 दिसंबर 1989 से 10 दिसंबर 1990 तक । 19 जनवरी 1990 की बह काली रात जिसका अंधेरा आज तक नही छटा, इस नपुंसक सरकार के कारण ही हिंदू अर्थात देश का मालिक अपने देश में शरणार्थी बना
कश्मीरी हिंदुओं के पलायन पर तत्कालीन भारत सरकार में शामिल भाजपा के 85 सांसद हिंदुओं की हत्या और उनके पलायन पर मौन थे। यदि लालू यादव ने आडवाणी का रथ जिसके सारथी नरेंद्र मोदी थे उसे बिहार में नही रोका होता तो ये कलंकित सरकार बीजेपी के समर्थन से चलती रहती । 23 अक्टूबर को आडवाणी को बिहार में गिरफ्तार कर लिया गया.आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद केंद्र की सियासत में भूचाल मच गया. BJP ने केंद्र में सत्तासीन वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिसमें लालू प्रसाद यादव भी साझीदार थे, और सरकार गिर गई थी.जिस रात हिंदुओ का कत्ल उनकी बच्चियों से बलात्कार हो रहा था और हिंदू अपनी संपत्ति,अपना परिवार,अपना घर सब कुछ छोड़कर जान बचाने रोते बिलखते भाग रहे थे उसी रात भाजपा के कृपा पात्र नेता जिन्हे जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया था,राज्यपाल जगमोहन हिंदुओं के कत्ल और पलायन से वेखवर जम्मू में सभी सेना के प्रमुख अधिकारियों के साथ स्वयं के राज्यपाल बनाने का उत्सव मना रहे थे । कश्मीर  से 7 लाख़ हिंदुओ का पलायन शायद पाकिस्तान भारत के बटबारे के बाद ये सब से दुखद घटना थी ।
कश्मीर में हिंदुओं को मारा-भगाया गया।सत्ता में BJP थी।
देश का गृह मंत्री मुसलमान बना मुफ्ती मोहम्मद सईद जिसने भारत की तबाही में शामिल आतंकियों को छोड़ा,समर्थन बीजेपी का था । देश का गृहमंत्री, प्रधानमंत्री के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण और ताकतवर व्यक्ति होता है। लेकिन हमारे देश के इतिहास में एक ऐसी घटना भी दर्ज है जब गृहमंत्री की बेटी का अपहरण हो गया था। 1989 में मुफ्ती मोहम्मद सईद देश के केंद्रीय गृहमंत्री थे और उनकी बेटी रूबैया सैयद को आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था। हालांकि धीमी कानूनी प्रक्रिया और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते इस अपहरण में शामिल और इसे अंजाम देने वालों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। घटना के तीन दशक बाद स्पेशल टाडा कोर्ट में 24 में से 10 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल हो सकी। दो आरोपी मारे जा चुके हैं और 12 कभी पकड़ में आए ही नहीं। मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के बदले भारत सरकार को पांच आतंकवादियों को छोड़ना पड़ा था। 13 दिसंबर की दोपहर तक सरकार और अपहरणकर्ताओं के बीच समझौता हो गया. समझौते के तहत 5 आतंकवादियों को रिहा किया गया. बदले में कुछ ही घंटे बाद लगभग साढ़े सात बजे रूबिया को सोनवर में जस्टिस मोतीलाल भट्ट के घर सुरक्षित पहुंचा दिया गया. रुबिया करीब 122 घंटे बाद रिहा हुई थीं. 13 दिसंबर की रात करीब 12 बजे विशेष विमान से रूबिया को दिल्ली लाया गया. हवाई अड्डे पर पिता मिले, अर्थात हिंदुओं के कत्ल से पहले भाजपा नेताओं और भारत सरकार की कायरता को आतंकियों ने खूब अच्छी तरह जांच परख लिया था ।
गोधरा में 58 हिन्दू जला दिए गए। सत्ता BJP की थी।
27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस एक कोच एस 6 में आग लगा दी गई थी. इस कोच में यात्रा कर रहे 59 यात्रियों की जलकर मौत हो गई थी. मरने वालों में 27 महिलाएं और 10 बच्चे थे. इसके अलावा 48 यात्री घायल हुए थे.
संसद पर हमला हुआ सत्ता BJP की थी।
13 दिसंबर 2001 सांसद भवन जो भारत के प्रजातंत्र का मंदिर और सब से सुरक्षित माना जाता है जहा आम जनता का प्रवेश भी आसानी से संभव नहीं,बहा लश्कर ए तायवा और जैश ए मोहम्मद नमक आतंकी संगठन ने हमला किया इस हमले में 14 लोगो की जान गई थी , उस समय भारत के प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेई थे। इस हमले से यह सिद्ध होगया की भारत में कोई व्यक्ति और कोई जगह अब सुरक्षित नही रही ।
कारगिल घुसपैठ ,सत्ता BJP की थी।
इस युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की दिलेरी की दास्‍तां आज भी देशवासियों की जुबान पर है। पाकिस्‍तानी सैनिक मई 1999 में करगिल सेक्‍टर में घुसपैठियों की शक्‍ल में घुसे और नियंत्रण रेखा पार कर हमारी कई चोटियों पर कब्‍जा कर लिया। दुश्‍मन की इस नापाक हरकत का जवाब देने के लिए आर्मी ने 'ऑपरेशन विजय' शुरू किया, जिसमें 30,000 भारतीय सैनिक शामिल थे। एयरफोर्स ने आर्मी को सपोर्ट करने के लिए 26 मई को 'ऑपरेशन सफेद सागर' शुरू किया, जबकि नौसेना ने कराची तक पहुंचने वाले समुद्री मार्ग से सप्लाई रोकने के लिए अपने पूर्वी इलाकों के जहाजी बेड़े को अरब सागर में ला खड़ा किया। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने करगिल को पाकिस्‍तानी सैनिकों के कब्‍जे से पूरी तरह मुक्‍त करा लिया। इसके बाद से हर साल 26 जुलाई को 'करगिल विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है।इस लड़ाई में दोनों देशों की सेना को नुकसान हुआ था। शुरु में पाकिस्‍तान ने दावा किया उसके 375 सैनिक मारे गए हैं लेकिन बाद में सामने आया कि करीब चार हजार पाकिस्‍तानी करगिल जंग में मारे गए हैं। भारतीय सेना के मुताबिक 543 अफसर और जवान शहीद हुए जबकि करीब 1300 जख्‍मी हुए। महज एक भारतीय सैनिक को युद्धबंदी बनाया गया था।
पुलवामा आतंकी हमले ,सत्ता BJP की थी।
देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी थे सेना के अत्यन्त गोपनीय अभियान की सूचना आतंकियों को कैसे लगी यह आज भी चिंता का और खोज का विषय है । 14 फरवरी 2019 को, जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय सुरक्षा कर्मियों को ले जाने वाले सी०आर०पी०एफ० के वाहनों के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 45 भारतीय सुरक्षा कर्मियों की जान गयी थी। यह हमला जम्मू और कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अवन्तिपोरा के निकट लेथपोरा इलाके में हुआ था।
जम्मू-कश्मीर में साल 2015 में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन की सरकार बनी थी.
जिस मुफ्ती परिवार से देश ने धोखा खाया आतंकियों को जिसने संरक्षण दिया उसी पीडीपी से मिल कर भाजपा ने 1 मार्च 2015 में जम्मू कश्मीर में गठबंधन की सरकार बनाई, भाजपा के समर्थन से मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्य मंत्री बने और भाजपा ने अपना उप मुख्यमंत्री बनाया,7 जनवरी 2016 को मुफ्ती मोहम्मद सईद की मौत हो जाने पर भाजपा ने उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती को जम्मू कश्मीर की प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनाया और अपने नेता निर्मल सिंह को उप मुख्यमंत्री के पद पर बैठाया ।
शाहीन बाग आंदोलन पूरी राजधानी में हंगामा,
पूरे भारत में मुसलमानो का संगठित प्रदर्शन सरकार मोदी की थी ।
दिल्ली दंगा,हिंदुओ की हत्या हुई , हथियारी के जाखिरी ,पेट्रोल बम, सहित मुल्लो ने नंगा नाच नाचा,
मुसलमानो की दहशत से पूरी दिल्ली दहल उठी ।
एक साल तक किसान आंदोलन,तानाशाह सरकार ने उत्तर प्रदेश चुनाव के कारण आखिर किसान कानून वापस लिया लेकिन हजारों किसानों की मौत के बाद ये कारनामा भी बीजेपी सरकार का था ।
हिंदू तुम्हे चिंतन करना ही होगा,जागना होगा और अपने अस्तित्व का संघर्ष भी खुद ही करना होगा ।
जो देश में रह कर देश को बरबाद करने में लिप्त है, जो राजनैतिक पार्टियां हिंदुत्व को मिटाने में लगी है, जो उदंड विधर्मी हिंदुओ के साथ अत्याचार कर रहे है वो चिन्हित है उन्हे देश पहचान चुका है लेकिन जो कंधे पर हाथ रखकर गले में छुरी चलते है उनसे सावधान रहने की ज्यादा जरूरत है,बहुरूपिए किसी के नहीं ये सिर्फ स्वार्थ में लिप्त सत्ता लोभियों का गिरोह है । BJP, RSS हिंदुओ की दुर्गति के प्रदर्शन पर जश्न मनाते है और अपनी विफलता पर माफी नहीं वोट माँगती है। हिंदू क्या तुम्हे नही लगता की अपनी दुर्गति के जुम्मेदार तुम स्वयं हो। यदि देश,धर्म,मर्यादा,संस्कृति,संस्कार सहित स्वयं को बचाना है तो सिर्फ अखिल भारत हिंदू महासभा के साथ खड़े हो क्यों की हिंदू महासभा सिर्फ प्रखर हिंदुत्व की स्पष्ट बात और खुल कर दमदारी से हिंदुओं के साथ है ।
जय हिन्दू राष्ट्र
      आपका

देवेन्द्र पाण्डेय "डब्बू जी "