शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014

    मोदी को  मातृ द्रोही मातृ हन्ता न कहू तो क्या कहू ..........?  
हिन्दू के साथ जबभी आघात हुआ तो अघाती के रूप में हमेशा अपनो का चेहरा नजर आया  जिन पर अटूट भरोषा किया गया वो ही गद्दार निकले इतिहास गबाह है की भरत भूमि आर्यावर्त जो अब सिकुड़ कर 10 प्रतिशत भी नही रहगयी उसकी इस दुर्दशा का दोसी कोई दुश्मन कभी न था हमेशा ही अपनो ने अपनो से घात की और अपनो की गर्दन कटबाई परिणाम हजारो साल तक गुलाम रहे हम आज भी गुलाम ही है ,कल की गुलामी से आज भी सबक नहीं लिया गया बल्कि आज तो ठगी की सारी हदें ही पार हो चुकी है जब भगवान् से उनका मन्दिर बनाने के नाम पर झूठ बोला जाता है और उसके चन्दे से सत्ता का सिंघासन हासिल किया जाता है तब ये सत्ता सीन भूल जाते है की जिनके नाम पर ये राजपाट मिला है वो आज भी 10 रुपये की पन्नी में गर्मी ,ठंडी,बरसात,में बैठे झुट्ठो की औकात का आंकलन कर रहे है ,कल तक गऊ में माँ का रूप देखने बालो को आज गऊ मांस के निर्यात से ज्यादा से ज्यादा धन कमाने की पड़ी है हिन्दू कैसे बर्दास्त करे अपनी माँ का क़त्ल और बड़े मांस बिक्रेता का बाह खिताब जो आज भारत को मिला है ,जहा पहली रोटी गाय को निकली जाती है फिर निवाला अंदर जाता है उस देश का ये विनाश सन्त समाज मौन साधे क्या सत्ता के भय से खामोश है ,सारी दुनिया खामोसी और भय के आगोश में समाजाये परन्तु अपने प्रभु से गद्दारी और माँ के हत्या पर हिन्दू महासभा खामोश रहे ऐसा सम्भब नहीं क्यों की हिन्दू महासभा जिन्दा हिन्दुओ का संगठन है जो अपने सम्मान अपनी संस्कृति अपनी गऊ माँ और अपने राष्ट्र के लिए मर मिटने तैयार है ! तो सच्चे हिन्दू जागो और संस्कृति बिरोधी नीतियों का खुला बिरोध करो ! मर मिटने से पहले जग में हिन्दू जागो रे जागो ,ये आर्यावर्त तुम्हारा ये भरत भूमि तुम्हारी है जागो रे जागो ………!
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मोदी सरकार में ‘गुलाबी क्रांति’ में जबरदस्त बढ़ोत्तरी

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के दौरान उस समय के बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार पर पिंक रेवोल्यूशन यानी भैंस के मीट के निर्यात को बढावा देना का आरोप लगाया था. मोदी के पिंक रेवोल्यूशन के मुद्दे को विपक्ष ने सांप्रदायिक बताया था. मोदी के पीएम बने करीब 6 महीने हो गए हैं इस दौरान न सिर्फ मीट निर्यात जारी है बल्कि भैंस के मीट के निर्यात में 15 फीसदी का इजाफा भी हुआ है.

लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार पर गुलाबी क्रांति यानी पिंक रेव्लुशन को बढावा देने का आरोप लगाया था. लेकीन अब बीजेपी सरकार के 6 महिने पूरे हो गए हैं और वाणिज्य मंत्रालय के जारी आंकडों के मुताबिक मीट निर्यात में 15 फिसदी की बढोतरी हुई है पिछले साल के मुकाबले. ऐसे में सवाल उठता है की क्या मोदी उस वक्त सच कह रहें थे, क्या वाकई में कोई गुलाबी क्रांति हो रही थी या सिर्फ चुनाव के लिए ये बात बोली गई थी?

 
ये है देश के वाणिज्य मंत्रालय की वेबसाइट- इस वेबसाइट पर भैंस के मीट के निर्यात का आंकड़ा देखिए- जिस नरेंद्र मोदी ने चुनाव में पिंक रिवल्यूशन यानी भैंस के मीट के निर्यात का मुद्दा उछाला था उनके 6 महीने के कार्यकाल में भैंस के मीट के निर्यात का कारोबार खूब फला-फूला है. आंकड़ों के मुताबिक मीट निर्यात में पिछले साल के अप्रैल-अक्टूबर के मुकाबले इस साल अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 15.58 फिसदी की बढोतरी हुई है. 2013 के  अप्रैल- अक्टूबर के बीच करीब 13 हजार 917 करोड़ रुपये का मीट निर्यात हुआ था जबकि इस साल इसी अवधि के दौरान करीब 16 हजार 85 करोड़ रुपये का मीट निर्यात हुआ. यानी भैंस के मीट के निर्यात में 15.58 फीसदी की बढोतरी हुई. इतना ही नहीं, सबसे ज्यादा निर्यात किये जाने वाले 20 उत्पादों की सूची में मीट निर्यात में 16 वें नंबर पर पहुंच गया. यानी मीट कारोबार जिस तरह यूपीए सरकार के समय चल रहा था वैसे ही मोदी सरकार के समय चल रहा है.
 
चुनाव के समय नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार पर ये कह कर हमला बोला था कि मनमोहन सरकार चोरी-छिपे मीट निर्यात को बढ़ावा दे रही है. पहली बार इसके लिए गुलाबी क्रांति यानी पिंक रिवॉल्यूशन शब्द का इस्तेमाल हुआ था. अब सवाल उठ रहा है कि मोदी ने जिसे पिंक रिवल्यूशन कहा था क्या वह महज एक चुनावी मुद्दा था.

वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि संसद में मीट निर्यात के बारे में पूछे गए सवाल का वह जवाब दे चुकी हैं. 

कमाई इतनी ज्यादा हो गई है कि उस पर रोक लगाना अब मुमकिन नहीं है?

भारत से निर्यात किये जाने वाले भैंस के मीट को बोमइन कहा जाता है . सवाल उठता है कि मीट के निर्यात में हर साल इजाफा क्यों हो रहा है. क्या निर्यात से होने वाली कमाई इतनी ज्यादा हो गई है कि उस पर रोक लगाना अब मुमकिन नहीं है?

मीट निर्यात से जुडे लोग और व्यापारियों और जानकारों का कहना है कि लगातार बढती मांग और अच्छी गुणवता के चलते मीट निर्यात में लगातार बढोतरी हो रही है

आइए अब हम आपको आंकड़ों से समझाते हैं कि हर साल किस तरह बढ़ रहा है मीट का कारोबार- लोकसभा में 28 नवंबर 2014 को संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक 2011-12 के दौरान 13 हजार 741 करोड़ रुपये के मीट का कारोबार हुआ वहीं ये बढ़ कर 2012-13 में 17 हजार 409 करोड़ रुपये का हो गया. 2013-14 में पिछले सारे रिकॉर्ड को तोड़ते हुए निर्यात 26 हजार 457 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.

आयात और निर्यात के प्रमोशन के लिए काम करने वाले संगठन एफआईईओ के मुताबिक भारत के मीट निर्यात कारोबार के स्तर में हाल के सालों में जबरदस्त सुधार आया है. गुणवत्ता में सुधार के चलते भारत के मीट की विदेश में मांग भी बढ़ी है. निर्यात कई देशों तक फैल चुका है.  

लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी सभाओं में मीट निर्यातक का मुद्दा जमकर उछाला था. मोदी के बयान पर सांप्रदायिकता का आरोप भी लगा. इस मुद्दे पर उन्होंने एबीपी न्यूज के खास कार्यक्रम घोषणापत्र में सफाई भी दी थी.

चौंकाने वाली बात ये भी है कि केंद्र में बीजेपी सरकार बनने के 6 महीने बाद बीजेपी शासित किसी राज्य ने अभी तक मीट निर्यात पर रोक लगाने की बात नहीं की है. पहले भी किसी बीजेपी शासित सरकार ने इस संबंध में कभी कोई सवाल नहीं उठाया. अब बड़ा सवाल ये है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मीट निर्यात के मुद्दे पर आखिर यू टर्न क्यों लिया है.

शनिवार, 13 दिसंबर 2014

     अपने स्वार्थ के लिए हिन्दुत्व के नाम पर  भाटगिरी करने बाले हिन्दू हमारे हितैसी नहीं ये तो हिन्दू द्रोही और घाती है इन बहरूपियो से हिन्दू अब साबधान रहे !
बेशर्म है वो कितने जो हिन्दुओ को आज भी राम मंदिर का लाली पॉप चुसबा रहे है। हमें दुःख होता है जब ऐसे कुत्ता भोकुओ के बयान पढता हु जो बार बार राम को गली गली में अपने स्वार्थो के लिए बेचते फिरते है ! राम मंदिर के चन्दा खोरो की सत्ता लोभी नियत को सरे देश ने देखा जिन्हो ने राम को भगवन श्री राम नहीं रहने दिया प्रभु राम सहित उनके मंदिर को सिर्फ चुनावी मुद्दा बना कर रख दिया ! राम जन्म भूमि का मुक़दमा हिन्दू महासभा ने जीता तो मन्दिर बनाने का हक़ भी हिन्दू महासभा को ही हुआ परन्तु हिन्दू महासभा ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में  याचिका दायर की जिसपर फैसला आना बाकि है तो भाजपाई,आरएसएस ,विहिप के भांटो से जनता पूछे की ये मन्दिर हवा में बनायेगे क्या ! दुःख की बात है की नाथूराम विनायक गोडसे जैसे महान राष्ट्र भक्त की चर्चा में सत्ता सीनो की अब सांसे उखड जाती जो कल तक गोडसे जयंती मानते थे ! पूरी दुनिया में मिडिया की भाटगिरी से चर्चित महानायक से पूछना जरुरी है की इस सत्य अवतारी ने धारा 370 का किससे सौदा कर लिया,सामान नागरिक सहित की हवा क्यू निकल गई ,fdi के हांथो देश का सौदा करने की मज़बूरी क्या थी ! मन्दिर निर्माण सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर क्यू रहगया ! हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने में कौन सी बाधा है,अब तक कितने बंगलादेसी चिन्हत हुए जो देश में घुसपैठ कर रहते है ,कौन लोग है जिन्होने  घुसपैठियों को संरक्छण दिया हुआ है ,इस सरकार ने पाकिस्तान से जान बचा कर आये हिन्दुओ के लिए क्या किया जिनका घर ,सम्पत्ति ,इज़्ज़त सब कुछ लूटली गई उनको भारत सरकार बापस पाकिस्तान क्यू भेजना चाहती है  ,रोजगार का प्रलोभन ,व्यापार का प्रलोभन ,सुरक्छा का प्रलोभन ,सम्मान का प्रलोभन परोस का सत्ता सुख भोगने बालो से उनकी कथनी करनी पर अब जनता को जवाब की जरुरत है ! सरकार का पहला दिन भी बड़े से बड़े निर्णय के लिए पर्याप्त होता है और झूठो के लिए सारी जिंदगी भी किसी काम को करने के लिए काम पड़ जाती है ! बड़े प्रलोभन और चीख चिल्ला कर अपनी महिमा का गान तान करने बालो से उपरोक्त सन्दर्भ में हर हिन्दू को जवाब लेना होगा बरना ठगो के हांथो खुद को ठगाने का आत्म घाती खेल खेलते खेलते हिन्दू बिलुप्त होजायेग ! हे हिन्दू अपने देश व धर्म के उत्थान के लिए जागो रे जागो 

बुधवार, 3 दिसंबर 2014

    6  दिसम्बर को राम मन्दिर की वो इमारत ध्वस्त करदी गई जिसे बाबर ने अपने नाम पर बाबरी मस्जिद का नाम दे दिया था ! परन्तु सरे सवूतो ने इश बात को प्रमाणित किया है की वो इमारत हिन्दू मन्दिर ही थी !हिन्दुओ की वोट लेने हिन्दुओ के हांथो हिन्दू मन्दिर तुड़बाने का पापी कौन … ?
जिन्हो ने राम मन्दिर निर्माण का सपना दिखा कर हजारो कार सेवको की मौत का तन बाना बुना उन्हों ने कभी उस माँ से उस बहन से उस पत्नी से उसका दर्द नहीं पूछा जिसने अपनी कुर्वानी राम मन्दिर निर्माण हेतु दी … ?
राम मन्दिर निर्माण के नाम पर इकट्ठा हुए करोडो रुपये  कुन्टलों सोने की ईंटो को कौन निगल गया … ?
कभी पूर्ण बहुमत का रोना रोने बालो  को पूर्ण बहुमत मिलने पर अब क्यू साप सूंघ गया … ?
राम मन्दिर की भूमि न्यायलय द्वारा हिन्दू महासभा  को मिली और हवा में मन्दिर बनाने का सपना बेचने बालो  झूठ बोलते बालो को तनिक भी नहीं आई  जो कहते है ,राम लाला हम आयेगे मन्दिर बही बनायेगे , अरे हिन्दुओ ये राम के नाम पर हमारा कत्ल करबायेगे , राम जी के नाम पर चंदा खोरी करेंगे,राम के नाम पर सरकार बनायेगे,हिन्दुओ में नफ़रत फैलायेगे और वोटो के लोभ में अपनी रोटी बेटी का रिस्ता मुसलमानो से करेंगे ,करे मरे हमें क्या करना है ये तो ठग है सत्ता लोभी है इन्हे शर्म आती नहीं की रामलला 10 रुपये की पन्नी में बैठे राजनीती का निवाला बनगए और सत्ता सीन सैकुलर होगये … ? तो हिन्दू  कैसे मनाये शौर्य दिवस जब अपनो की करनी से वो शर्म सार हो … ? हिन्दू महासभा ही बनायेगी  जन्म भूमि में भव्य श्री राम प्रभु का मन्दिर यही सत्य है अटल है यही हमारी प्रतीज्ञा है .... हमें राजनीती नही राम चाहिए हर हिन्दू को सम्मान  हर हाँथ को काम चाहिए ! सारे सच्चे हिन्दू प्रेम से बोलो जय श्री राम !

शुक्रवार, 14 मार्च 2014


नाथू राम गोडसे पत्रकार थे और हिन्दू महासभा कि कर्मठ सिपाही थे देश भक्ति और हिंदुत्व बाद उनके अंदर कूट कूट कर भरा था    लोगो का मानना है कि नाथूराम गोडसे ने गाँधी जी को गोली मरी क्यों कि गाँधी जी का अटूट मुस्लिम प्रेम नाथूराम कि नजरो में भारत को बर्बादी कि ओर लेजा रहा था गाँधी जी मन्दिरो में बैठ कर कुरान तो खूब पढते थे मगर कभी किसी मस्ज़िद में गीत पढने कि हिम्मत नहीं जुटा पाये गाँधी जी ने पकिस्तान को करोडो का अनुदान तब दिया जब भारत के खुद के हालात अच्छे नहीं थे पाकिस्तान का निर्माण होने के बाद पूर्वी से पश्चिमी पाक लो जोड़ने जिन्ना के प्रस्ताव पर गाँधी जी का विचार करना जिसके कारण भारत का एक और बिभाजन होजाने जैसा था और भारत तब सायद पाकिस्तान से भी छोटा होजाता परमपूज्य मोहनदास करमचंद गाँधी अपने भाई कि पोती सहित अनेको महिलाओ के साथ निर्वस्त्र सोया करते थे गाँधी जी के ये सभी कृत्य नाथूराम को स्वीकार इस लिए नहीं थे क्यों कि वो गाँधी जी का बहोत आदर करते थे साथ ही नाथूराम गोडसे खुद को सच्चा हिन्दू और देशभक्त मानते थे और ये बात सिद्ध हुई जब अपने आदर्श रहचुके गाँधी जी को गोली मारी और फाँसी में झूल गए ये नाथूराम का पागल पन ही था कि उन्हों ने कहा कि मेरी अस्थियो को पवित्र सिन्धु नदी में तब प्रवाहित किया जाये जब ये भगवा ध्वज कि नीचे बहाने लगे दुःखद है कि हिन्दू बाद कि बड़ी बड़ी डींगे मारने बाले देश के नेता वोटो कि लालशा बस हिन्दू बादी मुखौटा तो खूब लगते है परन्तु सत्ता में आते ही सभी मुस्लिम चिराग के जिन्न साबित होते है जिसके उदहारण आये दिन देश भर में देखे जा सकते है और ऐसे ही फर्जी हिन्दू बादियो के कारण ही नाथूराम कि अस्थिया आज भी सच्चे देश भक्तो सच्चे हिन्दूओ के जन्म और जज्बात कि राह देख रही है हिन्दू तुम ठग हिन्दू बादियो से साबधान हो देश के नेताओ को इश बात पर बहश नहीं करनी चाहिए कि गांधी को गोली किसने मारी बहश का मुद्दा तो ये होना चाहिए कि गोडसे ने गांधी बध को देश हित में जरुरी क्यो मना  जागो रे जागो 












सोमवार, 24 फ़रवरी 2014





                                       देश भक्ति रास्ट्र हित में एक बकबास और ------?
                                      आओ रुदन करे देश के विनाश कि गणना ना करे ----?
       इन्तज़ार करे हम अपने विलुप्त होने का क्यों कि हम अहंकारी परन्तु कमजोर हिन्दू है -------?
अजेय भारत पर सिन्धु के शासक दाहिर पर 712 में मोहम्मद मीर कासिम द्वारा आक्रमण हुआ और अजेय भारत का शक्ति शाली शासक बिदेशी मलेच्छ के हांथो पराजित हुआ तब बाकि हिन्दू राजाओं ने जश्न मनाया और उनके इसी जश्न से हिन्दू के विनाश की गाथा शुरू हुई ----------?  हिन्दुओ कि संपत्ति संस्कृति सम्मान और अवरु जो लुटाना शुरू हुई वो आज भी वॉ दस्तूर जरी है ! 977 में सुबुक्तगीन द्वारा आक्रमण ! 997 में गजनी के महमूद ! 1173 में मुहम्मद गोरी ! 1204 में बख्तियार खिलज़ी ! 1206  में क़ुतवुद्दीन ऐवक !1326 में मुहम्मद विन तुगलक !1357 में फ़िरोज़ शाह तुगलक !1398 में तैमूर सहित सैकड़ो लुटेरो आक्रमण कर्ताओ ने भारत को मनचाहे ढंग से लुटा और इन्ही अनवरत लुटेरो कि खेप के रूप में मुग़ल लुटेरो का बाप बाबर आया जिसकी पुस्ते देश को गुलाम बना कर शासन करती रही ! गुलामी में जीने के आदि होचुके हिन्दुओ ने अब समर्पण करना सीख लिया था ! तभी तो  ब्रिटिश शासको ने भी आसानी से भारत को गुलाम बनाया ! अखंड आर्यावर्त कि बात करना बेईमानी होगी क्यों कि भारत सिर्फ और सिर्फ लुटता पीटता और खण्डित होता अव सिकुड़ी हुयी सीमाओ में बंधा हुआ है !1876 में अफगान हमसे अलग हुआ !1904 में नेपाल हमसे बिलग होगया !1906 में भूटान हम  से अलग हुआ !1914 में हमने तिब्बत को खो दिया !1936 में ब्रम्हं देश म्यामार हमारा हिस्सा नहीं रहा ! 1947 पकिस्तान और बंगला देश हमसे अलग हुए !आने बाले दिनों में भारत कम से कम 10 और टुकड़ो में बिभाजित हो जायेगा जिसकी सुगबुगाहट पुरे देश में है आधा भारत इस्लाम और ईसाई हो चुका है और अलगाव वादी तकते उनको अलग वजूद के लिए प्रेरित कर रही है और हिन्दू ख़ामोशी से अपने टुकड़े टुकड़े होता देखा रहा है ! छदम छल के हम शादियों से शिकार हो रहे है उसका कारण है कि शायद अभी भी भारत बसी अपने को आज़ादी में जीने लायक नहीं मानते !भारत पाकिस्तान का बटवारा जातीय आधार पर हुआ पाक मुस्लिम देश बनगया परन्तु भारत सर्व धर्म सराय बनगया उसका मूल कारण है कि बिभाजन के बाद दोनों देशो के प्रधानमंत्री मुस्लिम ही हुए पाक में मुहम्मद अली जिन्ना और भारत में गयासुद्दीन गाजी के पोते जिन्हे सभी सम्मान से पण्डित जवाहर लाल नेहरु कहते है !जैसा कि रोमिंग जनर्लिस्ट के ब्लॉग में उल्लिखित है !गांधी कि हत्या किसी लालच या बैर का नहीं वल्कि गांधी के एक तरफा मुस्लिम प्रेम का परिणाम थी क्यों कि गांधी जिन्ना को 55 करोड़ रुपये सहित एक ऐसे कॉरिडोर देने कि वकालत कर रहे थे जिससे भारत का एक और विभाजन होना सुनिश्चित था !इसी भारत में निजाम हैदराबाद कि तानाशाही और अब अकबरुद्दीन ओबैसी के आतंक को हिन्दू  झेल रहा है !लाखो मस्जिद लाखो चर्च बने परन्तु लाखो हिन्दू मंदिर ढहां दिए गए !देश के भीतर हजारो मंदिरो में मुसलमानो का हजारो में सरकार का कव्जा है परन्तु सम्पूर्ण धरती में कही भी हिन्दू द्वारा किसी धर्म के निशानात पर कोई अतिक्रमण नहीं है !भारत में मुस्लिम दामाद जैसे रहता है जब कि किसी भी मुस्लिम देश में हिन्दू को वोट देने तक का आधिकार नहीं हिन्दू पूरी दुनिया के इस्लाम देशो में काफिर है !किसी देश में यदि कोई संकट आये तो उस देश के लोग स्वजातीय देश में शरण ले सकते है !परन्तु हिन्दू के लिए भारत के सिवा अन्य कोई ठिकाना नहीं !देश कि राजनीती में काँग्रेस के सहयोग से कानून में अपने हितो के अनुरूप संसोधन करबाए !फिर सपा के कंधो में सबार हो कर हिन्दुओ पर अत्याचार करबाया जो आज भी जरी है !तिलक तराजू कलम तलवार इनको मारो जूते चार चार का नारे देने बाली बासपा के सहयोगी मुसलमानो रास्ट् गान का अपमान करने पर गर्व महसूस करते है !आप नामक पार्टी तो जैसे मुसलमानो के कोख कि उपज है जो हिन्दू बिहीन काशमीर में वोटो को आधार मान कर  काशमीर पकिस्तान को सौपने कि वकालत करते है ! चतुर चालाक मुसलमान जनता मानता है कि घर में घुसकर ही उस पर कव्जा या बर्बाद किया जा सकता है इसी साजिश के तहत अब मुसलमानो में भाजपा के सर पर सबार होकर हिन्दुओ कि कब्र खोदने का बीड़ा उठाया है और संघ गैती फावडे का काम कर रही है ! आश्चर्य जनक है कि देश में 25 करोड़ कि जनसंख्या पार करने बाला मुस्लिम आज भी अल्पसंख्या है और हिन्दू मौन है !इतिहास गबाह है कि हिन्दुओ के साथ जितने छल हुए उतने आज तक कही किसी धर्म व देश में नहीं हुए !देश भूल गया गुरु गोविन्द सिंह के पुत्रो का दीवार में चुन वान हम क्यों भूल गए बाँदा वैरागी को जिनको उनकी खाल नोच नोच कर मारा गया उनके मुह में उनके ही लाडले का कलेजा ठूसा गया परन्तु ये डिगे नहीं बीके नहीं हरे नहीं !आज हिन्दू अपने हित कि बात करे तो कट्टर पंथी कहलाता है और मुसलमानो ईसाई कि लात खता रहे तो समाजबादी कहलाता है !धन्य धन्य है हिन्दू कि मौन आहुति जो अपने धान  धर्म आवरू कि रोज रोज दे रहा है फिर भी मस्त है सोचो ये मस्ती दुसरो कि कृपा पर कब तक !     धन्य थे वो सपूत --अब धन्य है ये कपूत !  जो दुःखद है !
                           सच कहना अगर वगावत है तो समझो हिन्दू महासभा बागी था बागी है बागी रहेगा !
                                                       कितना लूटो पीटो गे हिन्दू अव तो जागो रे जागो !

गुरुवार, 6 फ़रवरी 2014

           







           कह दो समुन्दर से हम ओश की बूँद है 
       दरिया कि तरह तुझसे मिलने नहीं आयेगे 

शुक्रवार, 24 जनवरी 2014





गणतंत्र दिवश कि हार्दिक शुभ कामनाएं देने में मन काँप जाता है कैसे दू शुभकामनाएं जहा बलात्कार व्यापार और हत्या स्टेटस सिम्बल बनगया हो: कैसे दू शुभकामनाए भूखे बेरोजगार रोज ठगे जा रहे देश को: पडोसी देश से भयभीत भारत को: अपनी जीविका के लिए संघर्ष रत समाज को: राजनीती से प्रताड़ित कानून कि वेदना झेलते हुए आती जाती संसो को पूरा करते मौत का इंतज़ार करने बाले युवाओ को: भ्रस्टाचार में आकंठ मग्न देश को देख कर सिर्फ रोना आता है चिंतनीय है कि जिस कानून को अंग्रेजो ने भारत में शासन करने के लिए बनाया था जिस कानून के खिलाफ लाखो भारत वासियो ने कुर्वानी दी थी आज़ाद हुए भारत में वाही कानून अचानक अच्छा कैसे हो गया कैसे गर्व हो हमें उस कानून पर जिसने आजतक नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के ला पता होने के कारण को उजागर नहीं किया कैसे गर्व करू उस कानून पर जिसने देश के प्रधान मंत्री राजीव गांधी के हत्यारो को आज तक सजा नहीं दी कैसे गर्व करू उस कानून पर जिस के जाल में करोड़ लोग सुबह से साम तक बचपन से मृत्यु हो जाने तक अनबरत भटकते रहते है कैसे गर्व हो देश को उस कानून पर जिसमे भ्रस्टाचार को रोकने कि छमता नहीं अपराधी को सजा देने कि छमता नहीं कैसे गर्व हो उस कानून पर जिसकी धज्जिया नेता अपने स्वार्थो हेतु जरुरत के नाम पर बदलाव से कर लेते है कैसे गर्व करू कानून पर जो जाती धर्म ओहदा देख कर कार्य करता है जो देश को बटाता देख कर खामोश है कैसे गर्व करू भारत पर जो आज़ाद होकर भी गुलाम है     

सोमवार, 20 जनवरी 2014

दुःखद है शर्मनाक है कि कोई सरकार बनाने कोई गिराने के लिए लड़ रहे है कोई भ्रस्टाचार मिटने कोई भ्रस्टाचार के लगे आरोपो को मिटने के लिए लड़ रहे है कोई बिजली कोई पानी कोई नौकरी कोई व्यापार देने के नाम पर आन्दोलन कर रहा है कोई इज्जत लुटाने कोई लुटाने का आरोप एक दूसरे पर लगा रहा है देश का हर नेता एक दूसरे पर आरोप लगता है खुद को दूसरे से बेहतर बताता है और अपना सत्ता लोभ साधने में लगा है कभी नेता बदलता है कभी मुद्दे बदलते है देश का दुर्भाग्य् है कि नेताओ कि नियत कभी नहीं बदलती राजनीती पर रोज रोज दिन भर डिवेट देखने को मिलती है लेकिन रास्ट्र नीति पर कभी कोई चर्चा नहीं होती ना ही किसी पार्टी के ये एजेंडा ही होता है देश खंडित होता जा रहा है हिन्दू गोत्रो में बटता जा रहा है पडोसी दुशमन हमारे देश कि सीमाओ को संकुचित करते जा रहे है और देश के नेता सत्ता लोभ में मस्त जनता और देश त्रस्त है जिस पर देश के युवाओ को चेतना होगा बर्ना भारत भारत नहीं भरता बनजायेगा और पछताने का भी मौका नहीं मिलेगा हिन्दू जागो हिन्दू महासभा के साथ देश हित में कदम से कदम मिलो 

गुरुवार, 9 जनवरी 2014


       कशमीर न आप का है न आप के बाप का है पाकिस्तानी एजेंट कि तरह काम करने बाले प्रशांत भूषण पहले भी हिन्दू बिहीन कशमीर में पाकिस्तान के पछ में बोटिंग करबाकर यह हिस्सा भारत से अलग करने कि पुरजोर वकालात कर चुके है पहली बार भूषण कि लात घुसो से हुई कम पिटाई कि हम निंदा करते है जिसके कारन इनका पाकिस्तानी प्रेम पुनः जोर मारने लगा भाजपा के शासन काल में कशमीर हिन्दू बिहीन होगया और अब आप के बाप बहा बोटिंग करा कर बह हिस्सा पकिस्तान को देने पर तुले है ऐसे गद्दारो कि पिटाई तो रोज गली गली में होनी चाहिए ये देश कि हितैषी नहीं बल्कि दुशमन देशो के एजेंट है जिनकी भाबनाए हमेशा जोर मरती रहती है देश प्रेमी हिन्दू हितैषी जनता इस अपमान और गद्दारो को बर्दास्त नहीं करेगी