को कुतुव मीनार का नाम दिया
राजधानी में विष्णु ध्वज की दुर्दशा को देखने और उसके साबुत को ढूढ़ने की जरुरत नहीं ,यहाँ भारत सरकार की लगी पट्टिका में साफ़ साफ़ लिखा है की माकलुक बंसी सुल्तान क़ुतुबुद्दीन ऐवक ने 27 हिन्दू और जैनियों के मंदिरों को तोड़ कर इस 1193से 1197 के बीच ध्वज का इस्लामी करण किया था ,और इसको कुतुवमिनार का नाम दिया था ,इसी परिसद में विजय स्तम्भ जो की चौथी शताव्दी का ,पूरी दुनिया में जंग ना लगने के लिए प्रसिद्ध यही स्थापित है ,जिससे यह भूमि और धरोहर हिन्दुओ के आस्था की होने की पुष्टि होती है ,जब लुटेरे आता ताई भारत में नहीं रहे फिर हिन्दू धरोहरे फिर भय बस अभी भी गुलामी की जंजीरों में जकड़ी है .....?
Desh ke hinduon ke satth itna bada atyachar,
जवाब देंहटाएंLagta hai Hindu so raha hai.
Aapka is blog ke liye dhanyawad..