गुरुवार, 10 जनवरी 2013

  जितना पैसा प्रधान मंत्री ,गृह मंत्री ,रक्छा  मंत्री और सचिव स्तर पर शांति वार्ता के नाम पर बैठकों ,आवागवन ,आयोजनों और ओप्चारिकताओ में खर्च किया गया /किया जा रहा है !बदले में आतंकी जीवन और भय का उपहार पग पग पर मिलरहा  है *मात्र उतने पैसो का उपयोग एक बार गोला बारूद *में करदिया जाए तो पाकिस्तानी समस्या का स्थाई समाधान हो जाये !
24 घंटो आतंक दहसत का पर्याय बने पाक से संधि शांति वार्ता करना खुद से खुद को बार बार  ठगने जैसी बात है !देश की शांति अखंडता सैनिको और निर्दोष नागरिको की लाशो पर बैठ कर अब किसी भी  राजनीतिक  छल को बर्दास्त नहीं किया जाये गा !आजादी से लेकर अब तक पाक की कथनी करनी सदैब छल पूर्ण ही रही है ,अब तो आर पार का संग्राम कर निष्कंटक स्थाई समाधान की पहेल एक स्वर में होनी चाहिए !दगा बाज दोस्त से बड़े से बड़ा दुश्मन अच्छा होता है जो पीठ में नहीं सीने में बार करता है !
                       जागो   रे   जागो 

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