योगियों के देश में भोगियो का जमाबडा ,देश को नस्ट भ्रष्ट करने की साजिश .?
भुखमरी ,लूट ,भ्रष्टाचार,जंहा शिष्टाचार बनगया हो ,विकाश की बाते बेमानी हो ,संसकारो के देश में संस्कृति का अपमान ,धर्मान्तरण ,व्यभाचार को बढ़ाबा क्यों ..?
नानक ,कवीर,राम ,परशुराम,चाणक्य ,विवेकानंद ,की भरत भूमि की दुर्दशा क्यू ,सारा भारत मौन क्यू ,और कबतक ...?
जागो रे जागो हिन्दू जागो रे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें