मोदी को मातृ द्रोही मातृ हन्ता न कहू तो क्या कहू ..........?
हिन्दू के साथ जबभी आघात हुआ तो अघाती के रूप में हमेशा अपनो का चेहरा नजर आया जिन पर अटूट भरोषा किया गया वो ही गद्दार निकले इतिहास गबाह है की भरत भूमि आर्यावर्त जो अब सिकुड़ कर 10 प्रतिशत भी नही रहगयी उसकी इस दुर्दशा का दोसी कोई दुश्मन कभी न था हमेशा ही अपनो ने अपनो से घात की और अपनो की गर्दन कटबाई परिणाम हजारो साल तक गुलाम रहे हम आज भी गुलाम ही है ,कल की गुलामी से आज भी सबक नहीं लिया गया बल्कि आज तो ठगी की सारी हदें ही पार हो चुकी है जब भगवान् से उनका मन्दिर बनाने के नाम पर झूठ बोला जाता है और उसके चन्दे से सत्ता का सिंघासन हासिल किया जाता है तब ये सत्ता सीन भूल जाते है की जिनके नाम पर ये राजपाट मिला है वो आज भी 10 रुपये की पन्नी में गर्मी ,ठंडी,बरसात,में बैठे झुट्ठो की औकात का आंकलन कर रहे है ,कल तक गऊ में माँ का रूप देखने बालो को आज गऊ मांस के निर्यात से ज्यादा से ज्यादा धन कमाने की पड़ी है हिन्दू कैसे बर्दास्त करे अपनी माँ का क़त्ल और बड़े मांस बिक्रेता का बाह खिताब जो आज भारत को मिला है ,जहा पहली रोटी गाय को निकली जाती है फिर निवाला अंदर जाता है उस देश का ये विनाश सन्त समाज मौन साधे क्या सत्ता के भय से खामोश है ,सारी दुनिया खामोसी और भय के आगोश में समाजाये परन्तु अपने प्रभु से गद्दारी और माँ के हत्या पर हिन्दू महासभा खामोश रहे ऐसा सम्भब नहीं क्यों की हिन्दू महासभा जिन्दा हिन्दुओ का संगठन है जो अपने सम्मान अपनी संस्कृति अपनी गऊ माँ और अपने राष्ट्र के लिए मर मिटने तैयार है ! तो सच्चे हिन्दू जागो और संस्कृति बिरोधी नीतियों का खुला बिरोध करो ! मर मिटने से पहले जग में हिन्दू जागो रे जागो ,ये आर्यावर्त तुम्हारा ये भरत भूमि तुम्हारी है जागो रे जागो ………!
http://owl.li/G7378
हिन्दू के साथ जबभी आघात हुआ तो अघाती के रूप में हमेशा अपनो का चेहरा नजर आया जिन पर अटूट भरोषा किया गया वो ही गद्दार निकले इतिहास गबाह है की भरत भूमि आर्यावर्त जो अब सिकुड़ कर 10 प्रतिशत भी नही रहगयी उसकी इस दुर्दशा का दोसी कोई दुश्मन कभी न था हमेशा ही अपनो ने अपनो से घात की और अपनो की गर्दन कटबाई परिणाम हजारो साल तक गुलाम रहे हम आज भी गुलाम ही है ,कल की गुलामी से आज भी सबक नहीं लिया गया बल्कि आज तो ठगी की सारी हदें ही पार हो चुकी है जब भगवान् से उनका मन्दिर बनाने के नाम पर झूठ बोला जाता है और उसके चन्दे से सत्ता का सिंघासन हासिल किया जाता है तब ये सत्ता सीन भूल जाते है की जिनके नाम पर ये राजपाट मिला है वो आज भी 10 रुपये की पन्नी में गर्मी ,ठंडी,बरसात,में बैठे झुट्ठो की औकात का आंकलन कर रहे है ,कल तक गऊ में माँ का रूप देखने बालो को आज गऊ मांस के निर्यात से ज्यादा से ज्यादा धन कमाने की पड़ी है हिन्दू कैसे बर्दास्त करे अपनी माँ का क़त्ल और बड़े मांस बिक्रेता का बाह खिताब जो आज भारत को मिला है ,जहा पहली रोटी गाय को निकली जाती है फिर निवाला अंदर जाता है उस देश का ये विनाश सन्त समाज मौन साधे क्या सत्ता के भय से खामोश है ,सारी दुनिया खामोसी और भय के आगोश में समाजाये परन्तु अपने प्रभु से गद्दारी और माँ के हत्या पर हिन्दू महासभा खामोश रहे ऐसा सम्भब नहीं क्यों की हिन्दू महासभा जिन्दा हिन्दुओ का संगठन है जो अपने सम्मान अपनी संस्कृति अपनी गऊ माँ और अपने राष्ट्र के लिए मर मिटने तैयार है ! तो सच्चे हिन्दू जागो और संस्कृति बिरोधी नीतियों का खुला बिरोध करो ! मर मिटने से पहले जग में हिन्दू जागो रे जागो ,ये आर्यावर्त तुम्हारा ये भरत भूमि तुम्हारी है जागो रे जागो ………!
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