बुधवार, 12 जून 2013

 डराने धमकाने ,रूठने मानाने ,थूकने चटाने का राजनैतिक खेल सदैव की भाति आज भी बा दस्तूर जारी है जिसे देख गिरगिट भी शर्मा जाये ...एक कहाबत है की पडोसी की लड़की भाग गई लोगो ने कहा बहोत बुरा हुआ इज्ज़त चली गई नाक कट गई ,रात बिता कर वो बापस आ गई तो लोग क्या कहेगे ........क्या बहोत आच्छा की जो अपनी और अपने परिवार की इज्ज़त लुटा कर लौट आई ...........चुप रहु दादू बहुसा है !

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