मंगलवार, 29 अक्तूबर 2013

देश का प्रधान मंत्री जिसे देश की जनता का बहुमत प्राप्त हो वो चाहे कोई भी हो किसी भी पार्टी का हो उसके पद पर रहते उसका अपमान करना ओछी मानसिकता का घोतक है जैसा कि बी जे पी के स्वयं भू सूरमा नरेन्द्र मोदी ने किया 15 अगस्त को देश के प्रधान मंत्री कि हैसियत से मनमोहन सिंह के उदबोधन का मजाक उड़ाना फिर बिदेश यात्रा के दौरान पाकिस्तानी प्रधान मंत्री की भद्दी टिप्पड़ी को बल देना कि भारत का प्रधान मंत्री घरेलु औरत जैसा कमजोर है कहना वो भी तब जब देश का प्रधान मंत्री बिदेश दौरे में हो तो देश कि छबी बिदेशो में क्या बनेगी सत्ता लोभ में तालियों कि गड़गड़ाहट सुनने के आदी मोदी को क्या देश के सम्मान का भान नहीं ? कांग्रेस का भ्रस्टाचार में आकंठ मग्न होना देश के लिए चिंता कि बात है लेकिन ये देश के भीतर का मामला है उसको चुनौती देकर सत्ता परिवर्तन करने का दम दिखाना चाहिए न कि पूरे विश्व में देश को हसी का पात्र बनाने का काम करना चाहिए ?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें