मंगलवार, 11 सितंबर 2012

           श्री राम को भाजपा भगवान् नहीं सिर्फ बोट बैंक मानती है 

                                                                                                              
  राम मंदिर व हिन्दुत्व की जिन भाबनाओ  ने भाजपा की ताज पोशी की अपना निशंक  विशबाश  दे कर मजबूती दी उसके परिणाम विचारणीय  है 
   कुछ सवालो क़ा जवाब हिन्दू  जरुर चाहता है वो भी खुले मंच  से 


 {1}हिंदुत्व की रक्छा के लिए जिन हांथो ने कभी तलवार उठाने की बात की थी वो सत्ता मिलते ही चूडिया  पहन कर क्यू बैठ गये ...........?
{2} कल तक हिन्दू बाद का राग अलापने बाले क्या आज भी हिन्दू होने पर गर्व महसूश करते है ,हां तो इन्हों ने हिन्दू हित में क्या किया, नहीं तो क्यू नहीं..........?

{3} हिन्दू मंदिर को हिंदुओ हि से ही मस्जिद कहकर तुडबाने  की साजिश क्यू , हजारो कार्या  सेवको की मौत का ताना बाना बुनने बाले क्या बाकई हिन्दू हितैसी है ....?   जिन्होंने अपने सत्ता काल में राम सेतु को तोड़ने की मंजूरी दी ,अल्पसंख्यक आयोग का गठन कर उसपर भरी धनवर्षा की,हज यात्र में सब्सीडी बढी ,अमरनाथ यात्रियों की दुर्दशा हुई ,कश्मीरी पंडितो पर जुल्म हुए और इन्हों ने हिंदुओ को दो शंकराचार्य का उपहार भी दिया -सह्नाबाज हुसेन -मुखतार अब्बाश नकवी जो सनातन की व्याख्या करते है !
{4} राम मंदिर निर्माण के नाम पर आस्था का इकट्ठा हुआ अनुमानित कम से कम चौदा सों करोड़ रूपया कौन डकार गया इसपर हिन्दू बादी तिकड़ी  *भाजपा ,आर .एस .एस,और विशव हिन्दू परिसद * का मौन संदेहास्पद है ..................................................?


जब चुनाबी बिगुल बजने को है तो पुनः इन को श्री राम उनका मंदिर और हिन्दू याद आने लगे अगर इस तिकड़ी ने इन सवालो के जवाब नहीं दिए तो हिन्दू खुद इनको करारा जबाब देगे 

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