शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

                         संसद के बाहर बहुत हुआ झाड़ू पोछा 
                        अब भीतर की बारी है .जागो रे जागो 
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मौन तोड़ संकोच छोड़ कह दो साथी चौराहों में अब अपनी  तैयारी है !

अनुभव हीन, अशिक्षित ,अपराधियों का जमाबडा सांसद से चपरासी तक ,आरक्षण के गलत नीतियों की देन  है ! देश में जातीयता का जहर बोने बाले मठाधीशों  के स्वार्थ का जहर ही है ,जिसकी ज्वाला में ज्ञान विज्ञान ,दम तोड़ रहा है  और देश धीरे धीरे  गृह युद्ध की और अग्रसर हो रहा है ! इतिहास  की अनदेखी करके वर्तमान और  भाविष्य का ताना बना नहीं बुना जा सकता ,
                               हिन्दुओं  भ्रम नहीं पालो     


             
                             
     "जागो जागो हिन्दुओं आज जगाने आये है ,आज सोने और 
                                 कल रोने का काम नहीं  
            बरना भरत  भूमि में कल होगा हिन्दू तेरा नाम नहीं "

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