बुधवार, 31 जुलाई 2013

भारत के बयान वीर धन्य है एक बोलता है दूसरा बोलने पर बोलता है तीसरा चौथा पाचवा  पहला लगता तार एक दूसरे के बयान पर बयान बाह रे हु . आ …हु …आ 
देश के विकाश पर कभी ऐसी चर्चा नहीं होती जैसी फालतू बातो के टिप्पणी पर टिप्पणी और फिर टिप्पणी पर लगातार हप्तो टिप्पणिया होती है जिनका देश समाज विकाश से कोई लेना देना नहीं होता धन्य है देश की १२० करोड़ खामोश जनता और गिनती के टिप्पणी बाज सब भूल गए की भारत ने हमेशा कम बोल कर और सार्थक पहल से ही इतिहाश बनाया है हु . आ …हु …आ…. से कभी किसी का भला नहीं हुआ न देश का न जनता का फिर ये बात इन बयान वीरो टिप्पणी बाजो के भेजे में क्यू नहीं घुसती ?

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