शुक्रवार, 7 जनवरी 2022

       भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह क्यों लगाते है....?
क्या प्रधानमंत्री जी के सुरक्षा कमांडो भरोसे के नही रहे, क्या देश के गृहमंत्री अमित शाह जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में कटौती की, आखिर दुनिया के सब से बेहतरीन कमांडो जो विदेश से भी किसी संकट के समय प्रधानमंत्री को सुरक्षित निकालने की छमता रखते है उन की छमता पर प्रश्नचिन्ह क्यों....? 
प्रधानमंत्री जी का बयान की मैं पंजाब के भटिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट आया भारत में प्रांत बाद सहित गृह युद्ध को भड़काने जैसा है,
पूरी दुनिया के सामने अपने सुरक्षा कमांडो को कमजोर साबित करने का कारण क्या है ये तो प्रधानमंत्री ही जाने लेकिन विश्व पटल पर जो छवि भारत के सेना और कमांडो की रही है मोदी साहब ने उसे धूमिल किया है ।
100 कमांडो प्रधानमंत्री के साथ चलते है और घर की सुरक्षा में 500 से अधिक कमांडो तैनात रहते है, एक मिनट में 850 राउंड फायर करने बाली राइफल से लैस ये कमांडो जो सिर्फ प्रधानमंत्री की सुरक्षा हेतु ही तैनात रहते है, प्रधानमंत्री के काफिले में दो बख्तरबंद BMW 7 सीरीज सेडान ,  6 BMW X 5 और एक मार्सिडीज बेंज, एंबुलेंस सहित अन्य एक दर्जन से अधिक वाहन साथ रहते है, प्रधानमंत्री जी की गाड़ी पूरी तरह बुलेटप्रूफ होती है, हाल ही में प्रधानमंत्री जी के काफिले में एक नई गाड़ी और शामिल हुई  Mercedes - Maybach S 650 Guard । प्रधानमंत्री जी के काफिले में वर्तमान समय में BMW -7 सीरीज हाई सिक्यूरिटी एडिशन, लैंड रोवर रेंज रोवर वोग और टोयोटा लैंड क्रूजर जैसी गाड़िया शामिल है । प्रधानमंत्री के काफिले में प्रधानमंत्री जी के साथ दो डमी गाड़िया भी चलती है, जिससे प्रधानमंत्री किस गाड़ी में है चिन्हित करना आसान नहीं होता । प्रधानमंत्री की गाड़ी में किसी ग्रेनेड और एके 47 जैसी गन का कोई असर नहीं होता, यहा तक की प्रधानमंत्री की गाड़ी का कांच भी किसी ग्रेनेड और गन से नही तोड़ा जा सकता,  प्रधानमंत्री की गाड़ी का टायर फट जाए तब भी 90 किलो मीटर की रफ्तार से 320 किलो मीटर तक भगा जा सकता है ।
मोदी जो बोले केवल बही सही.....?
देश के प्रधान मंत्री SPG के घेरे में रहते है, जिसका एक दिन का खर्चा 1करोड 62 लाख रूपए है ।
MNF 2000 असाल्ट राइफल, ऑटोमैटिक गन और 17 M रिवाल्वर जैसे अत्याधुनिक हथियार से ये जवान पूरी तरह लैश होते है , प्रधान मंत्री जी के 4 सुरक्षा घेरे होते है, पहले सुरक्षा घेरे में SPG, फिर ASL, फिर राज्य पुलिस बल और ASL अर्थात एडवांस सिक्योरिटी संपर्क टीम तैनात रहती है, प्रधान मंत्री के काफिले में एक जैमर बाली गाड़ी चलती है जिसके कारण 100 मीटर की परिधि में रेडियो अथवा रिमोट कंट्रोल से होने वाले विस्फोट को रोक देती है  इस गाड़ी के कारण IED मे विस्फोट नही होने देता । फिर मैं जिंदा हूं जैसा डायलाग क्यों ।
मोदी साहब कैसे और कितना भरोसा करे आप पर.....?
पंजाब के फिरोजपुर ने मोदी साहब की सभा,रैली इस लिए रद्द हुई की जनता मोदी को सुनने नही आई, प्रधानमंत्री जी इस बात से दुखी होकर अपने निर्धारित मार्ग को छोड़ अघोषित सड़क मार्ग से भ्रमण पर निकल पड़ते है, जिस कारण सभा रैली स्थल पर तैनात सुरक्षा बल की उपयोगिता समाप्त हो जाती है और नई जगह पर अचानक शायद सुरक्षा बल तैनात इस लिए नही किया जा सकता था क्यों की रोड से जाने का निर्धारण अचानक मोदी साहब ने किया, प्रश्न उठता है आखिर ऐसा क्यों......?  फिर मैं जिंदा हूं का डायलाग क्यों.....?
जो मोदी पाकिस्तान बिना किसी प्रोटोकॉल के पहुंच कर नवाज शरीफ के मां को शाल और बेटी को सूट भेट कर आते हैं, जिनकी बहादुरी के किस्से दुनिया के हर बच्चे को मीडिया द्वारा सुनाया जाता है, वो प्रधानमंत्री, जिसकी सुरक्षा में केंद्रीय सुरक्षा बल लगा हो, जिसकी सुरक्षा में दुनिया के सब से ताकतवर सुरक्षा कर्मियों तैनात हो, जिसकी सुरक्षा में 10 हजार पंजाब पुलिस कर्मी तैनात हों उस प्रधान मंत्री का काफिला 15
मिनट के लिए खुद के देश में किसानों के द्वारा लगाए गए जाम में फंस जाता है , सुरक्षा कर्मियों और किसानों को बीच किसी तरह की झड़प और संवाद भी नही होता तब प्रधानमंत्री जी कहते है पंजाब के मुख्यमंत्री का धन्यवाद की मैं जिंदा हूं, यह मोदी जी का व्यंग है या चुनावी जुमला जो हर चुनाव के पहले वह छोड़ते हैं , यदि घटना गंभीर है तो परिणाम को घटित करने के साजिश कर्ताओं पर कठोर कार्यवाही होनी ही चाहिए वरना प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी के चुनावी चमत्कार और जुमलो को अब जनता पहचानने लगी है । सभा में खाली कुर्सी तो चुनावी पैंतरा, कहानी,डायलाग और रास्ता भी बदल गया,
प्रधान मंत्री की हत्या जिसे करना था उसने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की कर दी हत्यारे प्रपोगण्डा नही करते , इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए नरसंघार की पुनः पृष्ठ भूमि कौन लिख रहा है यह चिंतन की बात है ।
प्रधानमंत्री जी के साथ पूरा देश है लेकिन, किसी राजनैतिक जुमले की शिकार जनता हो यह उचित नही । मोदी है तो ही मुमकिन है , यदि अपने देश में अपनो से और अपने सुरक्षा कर्मियों से सभी सुरक्षा एजेंसियों से मोदी जी को खतरा है तो उनको घर के बाहर नही निकलना चाहिए, देश के ग्रहमंत्री अमित शाह जी को सुरक्षा के फेलुअर पर जवाब देना चाहिए, खुपिया एजेंसियों को नीद से जगाना चाहिए ,
भारत विशाल देश है इसकी मर्यादा है इसे नीतिगत तरीके से चलने की जरूरत है, देश जुमलो और जबर्दस्ती से नही चलता, मोदी जी चिंतन करे और देश की जनता को भी चिंतन करने दे ।

 आपका
देवेन्द्र पाण्डेय "डब्बू जी "

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