शनिवार, 9 नवंबर 2013

   पूरी दुनिया में भारत सर्व धर्म सराय के रूप में विख्यात  है यहाँ सभी नेताओ को सत्ता सुखो हेतु अपने स्वार्थो कि गुलामी से ऊपर उठा कर सोचने कि फुर्सत नहीं न ही सोचने कि छमता ही है तभी तो बंगला देसी घुसपैठी देश में बोटर बन रहे है और हु आ हु  आ  सियारो जैसे एक स्वर में सभी नेता नाद करने के बाद उन घुसपैठियो कि चरण वंदना में जुड़ जाते है जिनका इस देश सो न कोई लगाव है न वो इस देश के शुभ चिंतक ही है शैक्कुलर राजनीती के नाम पर देश कि दुर्दशा करने कि होड़ में कांग्रेस भाजपा सपा बसपा सभी एक से बढ़ कर एक है ये महारथी देश को कहा जे जा रहे है इसकी खबर शायद इनको भी नहीं देश स्वार्थो से नहीं बलिदान और कुर्वानी से चलता है तो क्या आज के नेताओ में ये गुण  है यदि है तो उसका असर क्यू नहीं है यदि नहीं है तो ये देश का नेतत्व करने कि बाते क्यू करते है यह सवाल देश हित में हर व्यक्ति को हर नेता से करना होगा क्यू कि ये देश किसी एक का नहीं सभी का है फिर देश कि दुर्दशा में हम अपनी मौन सहमति क्यू दे।

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