बुधवार, 13 नवंबर 2013

हिन्दू महासभा ने दोगलो माने दो रंग बालो कि पोल खोली तो उनका रंग ही उड़ गया जागो रे जागो कभी जिन्हे भगवा से प्यार था कभी जिनको हिन्दू बादी होने पर गर्व था कभी जो दिन भर हिन्दुओ के दम पर सत्ता का ताना बाना बुनते थे अचानक उनको हिन्दू बाद से विरक्ति होगई उनको हिन्दुत्व कि बाते बईमानी लगाने लगी उनकी सोच बदलने का नतीजा हुआ कि उनके भगवा रंग का रंग उड़ गया अब वो बे रंग होगये क्यों कि भगवा कि खोल में छुपे हरे रंग को लोगो नो पहचान लिया और साथ ही इन की नीतिया भी जगजाहिर होगई स्पस्ट होगया कि दो रंगी अब बेरंग बेपर्दा होगये है भगवा को अब ये अगवा न करने पाये हिन्दू जागो रे जागो

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