सोमवार, 22 मई 2023

शिव पूजन
 बिल्व वृक्ष, बिल्व पत्र, बिल्व फल
धर्म, स्वास्थ्य, मान्यताएँ और चमत्कार


1. बिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते l
2. अगर किसी की शव यात्रा बिल्व वृक्ष की छाया से होकर गुजरे तो उसका मोक्ष हो जाता है l
3. वायुमंडल में व्याप्त अशुध्दियों को सोखने की क्षमता सबसे ज्यादा बिल्व वृक्ष में होती है l
4. चार, पांच, छः या सात पत्तो वाले बिल्व पत्र पाने वाला परम भाग्यशाली और शिव को अर्पण करने से अनंत गुना फल मिलता है l 
5. बेल वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है एवं बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है।
6. सुबह शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापो का नाश होता है।
7. बेल वृक्ष को सींचने से पित्र तृप्त होते है।
8. बेल वृक्ष और सफ़ेद आक् को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
9. बेल पत्र और ताम्र धातु के एक विशेष प्रयोग से ऋषि मुनि स्वर्ण धातु का उत्पादन करते थे ।
10. जीवन में सिर्फ एक बार और वो भी यदि भूल से भी शिव लिंग पर बेल पत्र चढ़ा दिया हो तो भी जीव सभी पापों से मुक्त हो जाते है l
11. बेल वृक्ष का रोपण, पोषण और संवर्धन करने से महादेव से साक्षात्कार करने का अवश्य लाभ मिलता है।
कृपया बिल्व पत्र का पेड़ जरूर लगाये । बिल्व पत्र के लिए पेड़ को क्षति न पहुचाएं l

शिवजी की पूजा में ध्यान रखने योग्य बात 
 
शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को कौन सी चीज़ चढाने से मिलता है क्या फल l
किसी भी देवी-देवता का पूजन करते समय उनको अनेक चीज़ें अर्पित की जाती है। प्रायः भगवान को अर्पित की जाने वाली हर चीज़ का फल अलग होता है। शिव पुराण में इस बात का वर्णन मिलता है की भगवान शिव को अर्पित करने वाली अलग-अलग चीज़ों का क्या फल होता है। शिवपुराण के अनुसार जानिए कौन सा अनाज भगवान शिव को चढ़ाने से क्या फल मिलता है:
1. भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।
2. तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।
3. जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।
4. गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है। 
यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में वितरीत कर देना चाहिए।

शिव पुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन सा रस (द्रव्य)
 चढ़ाने से उसका क्या फल मिलता है l

1. ज्वर (बुखार) होने पर भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
2. नपुंसक व्यक्ति अगर शुद्ध घी से भगवान शिव का अभिषेक करे, ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा सोमवार का व्रत करे तो उसकी समस्या का निदान संभव है।
3. तेज दिमाग के लिए शक्कर मिश्रित दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।
4. सुगंधित तेल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर समृद्धि में वृद्धि होती है।
5. शिवलिंग पर ईख (गन्ना) का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।
6. शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
7. मधु (शहद) से भगवान शिव का अभिषेक करने से राजयक्ष्मा (टीबी) रोग में आराम मिलता है। 

शिव पुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन का फूल चढ़ाया जाए तो उसका क्या फल मिलता है l

1. लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2. चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है।
3. अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
4. शमी पत्रों (पत्तों) से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
5. बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है।
6. जूही के फूल से शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
7. कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं।
8. हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
9. धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है।
10. लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।
11. दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है।

बेलपत्र को संस्कृत (BelPatra in Sanskrit) में बिल्व पत्र (Bilva Patra) कहा जाता है। BelPatra (बेलपत्र) को काफी पवित्र माना जाता है जिसे देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है। बिल्व शब्द का अर्थ बेल का पेड़ और पत्र का अर्थ पत्ता होता है। अंग्रेजी में बेलपत्र (BelPatra in English) को ऐगल मार्मेलोस (Aegle marmelos) या वुड एप्पल (Wood Apple) कहा जाता है। इस पौधे पर कठोर खोल और हल्के तीखे स्वाद वाला बेल फल लगता है। पुराणों और वेदों के अनुसार, बेलपत्र का धार्मिक, औषधीय तथा सांस्कृतिक महत्व है। हिंदू धर्म में बेलपत्र के पौधे (Belpatra Tree) को दिव्य वृक्ष माना जाता है, जिसे भगवान शिव को चढ़ाया जाता है। पौधे में सत्त्व तत्व होते हैं जो वातावरण में रज-तम कणों को निष्क्रिय करने के लिए सात्विक तरंगों को अवशोषित तथा उत्सर्जित करते हैं।

इसके अलावा, बेलपत्र (Belpatra) एक त्रिकोणों वाला पत्ता है जो भगवान शिव, ब्रह्मा, विष्णु और महेश की तीन आंखों को दर्शाता है। ये तीन आँखें, या शक्तियाँ, निर्णय लेने, कार्य करने तथा ज्ञान से जुड़ी हैं। Belpatra Tree को जैन धर्म में भी शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि 23वें तीर्थंकर पार्श्ववंत ने इसी वृक्ष के नीचे निर्वाण प्राप्त किया था।
सनातन धर्म में बेलपत्र अत्यंत महत्वपूर्ण और पूजनीय माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बेलपत्र (Lord Shiva) भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और बिना बेलपत्र के भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है. जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष का पान किया था तब उनके गले में भयंकर जलन हो रही थी, जिसमें आराम के लिए उन्हें बेलपत्र का सेवन कराया गया था. पत्र के सेवन से भगवान शिव को राहत मिली थी. घर में बेलपत्र का वृक्ष लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है. इससे होने वाले पांच फायदे है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घर की उत्तर-दक्षिण दिशा में बेलपत्र का पौधा लगाना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर में पसरी दरिद्रता जल्द ही दूर हो जाती है. इसके अलावा मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर में वास करती है और से घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, बेलपत्र के पेड़ की जड़ों में मां गिरिजा, तने में मां महेश्वरी, शाखाओं में मां दक्षायनी, पत्तियों में मां पार्वती, फूलों में मां गौरी और फलों में देवी कात्यायनी वास करतीं हैं, जिसके कारण वहां रहने वाले लोग तेजस्वी और ऊर्जावान होते हैं
बेल की पत्तियां अधिकतर तीन, पांच या सात के समूह में होती हैं। तीन के समूह की तुलना भगवान शिव के त्रिनेत्र या त्रिशूल से की जाती है। इसके अलावा इन्हें त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी माना जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार मंदार पर्वत पर माता पार्वती के पसीने की बूंदे गिरने से बेल के पेड़ की उत्पत्ति हुई। यह पेड़ सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

स्वास्थ्य के फायदे  

- बेल फल में मौजूद टैनिन डायरिया और कालरा जैसे रोगों के उपचार में काम आता है।
- कच्चे फल का गूदा सफेद दाग बीमारी का प्रभावकारी इलाज कर सकता है।
- इससे एनीमिया, आंख और कान के रोग भी दूर होते हैं।
- पुराने समय में कच्चे बेल के गूदे को हल्दी और घी में मिलाकर टूटी हुई हड्डी पर लगाया जाता था।
- इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स के चलते पेट के छालों में आराम मिलता है।
- वायरस व फंगल रोधी गुणों के चलते यह शरीर के कई संक्रमणों को दूर कर सकता है।
- विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के चलते इसके सेवन से सर्वी नामक रक्त वाहिकाओं की बीमारी में आराम मिलता है।- बेल की पत्तियों का सत्व रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में लाभदायक है।
- पेड़ से मिलने वाला तेल अस्थमा और सर्दी-जुकाम जैसे श्वसन संबंधी रोगों से लड़ने में सहायक है।
- पके हुए फल के रस में घी मिलाकर पीने से दिल की बीमारियां दूर रहती हैं।
- कब्ज दूर करने की सबसे अच्छी प्राकृतिक दवा है। इसके गूदे में नमक और काली मिर्च मिलाकर खाने से आंतों से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं।


आपका
    देवेन्द्र पाण्डेय

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