शनिवार, 13 मई 2023

      
घटना घटित होने की आशंका पर खामोशी 
और घटना होने के बाद पश्च्याताप और आरोप-प्रत्यारोप यह है हमारा कानूनी ढाँचा ।

केरल स्लामिक राज्य बनेगा यह वयान केरल के मुख्यमंत्री (V.S. Achuthanand) ने जो की ( भारत की कम्युनिस्ट पार्टी - मार्क्सवादी के मुख्यमंत्री का कार्यकाल 18 मई 2006 से 14 मई 2011 तक था ) अच्युतानंद मुख्यमंत्री थे तब दिनांक 24 जुलाई 2010 में कही थी, आखिर ऐसे वयान का अर्थ क्या था की उनके कथनानुशार केरल का मुस्लिम राज्य बनजाना निश्चय था ….?

ना किसी ने तब इस बात को गंभीरता से लिया, ना ही मीडिया ने इस बात को प्रचारित किया और ना ही किसी नेता व राजनैतिक पार्टी के कान में जू ही रेंगा, आखिर क्यो…..?

केंद्र में कॉंग्रेस पार्टी की ओर से डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे जिस पर उन्होंने कोई संज्ञान नहीं लिया । साथ ही केरल के राज्यपाल रामकृष्ण सूर्यभान गवई थे उन्होंने मुख्यमंत्री के इस वयान को गंभीरता के क्यों नहीं लिया, राज्यपाल रामकृष्ण सूर्यभान गवई द्वारा भारत सरकार को इस मुख्यमंत्री के वयान और उसकी सत्यता तथा परिणाम की आशंका से क्यों अवगत नहीं कराया, राज्यपाल महोदय ने कोई ऐसी आशंका जैसा की मुख्यमंत्री ने कहां उसकी गम्भीरता या वयान के कारण और राज्य की वास्तविक स्थिति पर चिंता जाहिर क्यों नहीं की।  
विषय परिणाम की परिणीति की चिन्ता से अधिक जाँच का है ….?

इस्लामिक वीजारोपण सर्व प्रथम केरल में तब से अब तक हिंदू खामोश है …?

देवभूमि भारत के जहां प्रथम अदिगुरु शंकराचार्य जी ने जन्म लिया था उस पवित्र प्रदेश केरल में भारत की पहली पहली मस्जिद जिसका नाम (हिन्दू राजा जो बाद में मुसलमान बना उसके नाम पर -चेरामन जुमा) है केरल प्रदेश के त्रिशूर में साल 629 ईस्वी ने मलिक बिन दीनार ने करबाया था । इस मस्जिद का निर्माण केरल  के कोण्डूग़ालुर के राजा चेरामन पेरूमल के दान से हुआ था, मुसलमान व्यापारी जब केरल व्यापार करने आते तो राजा चेरामन पेरूमल को कीमती उपहार देते थे फिर ईद की नमाज़ के लिये मुसलमानों ने राजा चेरामन पेरूमल से अनुरोध किया की एक मस्जिद बनाने की अनुमति दी जाये और राजा चेरामन पेरूमल ने भारत के पवित्र सीने में केमाच (खुजली बाला पौधा) का वीजारोपण किया, मुसलमानों को राजा की शह मिली तो उन्होंने राजा चेरामन पेरूमल को ही सब से पहले अपना शिकार बनाया और उन्हें भ्रमित कर मुसलमान बनाया, हज यात्रा भी कराई । राजा चेरामन पेरूमल ने ही मक्का के लोगों को भारत में इस्लाम का प्रचार करने के लिए आमंत्रित किया था। उनके कहने पर ही मलिक बिन दीनार और मलिक बिन हबीब भारत आए और इस मस्जिद का निर्माण कराया। देश का दुर्भाग्य ही है की भारत की चेरामन जुमा ये दुनिया की दूसरी सबसे पुरानी मस्जिद भी है। एक हिन्दू राजा ने भारत की वर्बादी का वीजारोपण शायद आपसी सामंजस्य स्थापित करने की नियत से किया, मुसलमानों को आश्रय दिया और खुद भी मुसलमान बनगया परंतु वह मुसलमानों के सुनियोजित षड्यंत्र को समझ नहीं पाया (ठीक उसी तरह जिस तरह आज का नेता समझने के लिये तैयार नहीं है) कल सब को इस्लाम क़बूल करना ही होगा जैसे राजा चेरामन पेरूमल को करना पड़ा था….!
भारत के सत्ता लोभी नेता संपूर्ण भारत के ख़तना / सुन्नत का कारण बने हुए है । सत्यता से आँखे मूदने के परिणाम आज पुरा देश भुगत रहा है / जल रहा है / भयभीत है, और नेता धतृराष्ट्र बने मुल्लो के मुजरागान में व्यस्त / मस्त है ….?

          चेरामन जुमा मस्जिद जिसमे षड्यंत और भ्रम का मिश्रण शामिल है…?

मस्जिद के अंदर बीचों-बीच तेल का एक जलता हुआ दीया रखा गया है। विभिन्न धर्म के लोग पवित्र उत्सवों पर इस दिए के लिए तेल लाते हैं । यह प्रचारित किया गया कि मस्जिद में एक दिया मौजूद है, जो सालों से बुझा नहीं है। इसमें हिंदू-मुस्लिमों के साथ सभी धर्मों के लोग तेल डालते हैं और प्रार्थना करते हैं। राजा चेरामन पेरूमल द्वारा पहले मस्जिद  लकड़ी से बनाई गई थी, लेकिन बाद में इसकी मरम्मत होती रही। अब यह मस्जिद बिल्कुल नए रूप में दिखाई देती है। इसके अंदर लगा काला संगमरमर मक्का से लाया गया था। मस्जिद के अंदर मलिक दीनार और उसकी बहन की कब्र भी मौजूद हैं। मस्जिद में एक संग्रहालय है, जिसके केंद्र में एक सीसे की पेटी में मस्जिद का एक छोटा नमूना रखा हुआ है। संग्रहालय में प्राचीन काल की कई कलात्मक महत्व की वस्तुएं रखी हुई हैं।  परन्तु भारत के सीने में इस्लामिक पहला खंजर भोपने बाले हिन्दू राजा चेरामन पेरूमल जो बाद में मुसलमान बने जिन्होंने इस मस्जिद का निर्माण कराया उनकी कोई भी स्मृति इस मस्जिद पर नहीं दिखाई देती । ठीक बैसे ही जैसे कि मोहनदास करमचंद गाँधी के कारण पाकिस्तान का जन्म हुआ भारत को चिर कर पाकिस्तान बनाया गया जिसके जनक गाँधी थे परन्तु पाकिस्तान ने कभी भी गाँधी को अपना राष्ट्रपिता नहीं माना, ठीक उसी तरह मलिक दिनार और उसके बहन की मज़ार है परन्तु मस्जिद के जनक काफिर राजा चेरामन पेरूमल का नामो निशान नही…..?


                            भ्रम, भय, चरित्य हीनता, निर्दयता और भ्रष्टाचार के आधार पर
                   भारत के पतन को ही राजनीति कहा जाये तो अतिसायोक्ती नहीं होगी ।
                                               राजनीति की हर साख में उल्लू बैठा है....?

भारत की बर्बादी का षड्यंत कोई अचानक नहीं रचागया है, यह सदैव से सत्य रहा है की लोभी चरित्यहीन राजा और सत्ता का ग़ुलाम नेता देश की बर्बादी के मूल कारण रहे है । कैसे यह बात नजरअन्दाज़ कर दी गई यह बड़े आश्चर्य की बात है कि केरल विधान सभा में तत्कालीन नेता प्रतिक्ष उम्मन चांडी ने साल 2010 में विधान सभा केरला के पटल पर एक रिपोर्ट रखी थी जिसके अनुशार हर वर्ष 2,800 से 3,200 तक हिन्दू लड़किया इस्लाम धर्म स्वीकार कर रही है । तत्कालीन मुख्यमंत्री व्ही. यस. अच्युतानंद ने स्पष्ट कहा था कि विगत 10 वर्षों से हिन्दू लड़कियों का धर्मान्तरण हो रहा है अर्थात् लगभग साल 2000 से अब 2023 है इस प्रकार लगातार 23 वर्षों से यह खेल निरन्तर चल रहा है । यदि इन अकड़ो की धीमी गति का अनुमान भी लगाया जाये तो साल 2010 के वयान के अनुशार यह लगातार 2000 से 2023 तक अर्थात् लगभग 23 वर्षों में 73,600 से अधिक हिन्दू लड़कियों का धर्मांतरण हो चुका है । विपक्ष में रहते हुए उम्मन चांडी ने हिन्दू लड़कियों के मुस्लिम बनाने के जो वर्ष बार अकड़े पेश किए गये थे वह चिंता जनक था परंतु उससे भी अधिक चिंताजनक बात तो यह रही कि जब साल 18 मई 2011 से 25 मई 2016 तक वह खुद कॉंग्रेस पार्टी की ओर से केरल के मुख्यमंत्री रहे तब इस मुद्दे को लेकर उनकी आवाज़ क्यों चली गई, उन्होंने उन धर्मांतरित होती हिन्दू लड़कियों की चिंता क्यों नहीं की….?

बड़े चिंता की बात है की सब कुछ जानते समझते हुए, सार्वजनिक वयान के उपरान्त, विक्ष के होते हुए, षड्यंत्र उजागर होने पर भी तत्कालीन मुख्यमंत्री व्ही.यस. अच्युतानंद की भविष्य वाणी सत्य कैसे हुई….?

देशरक्षा के नाम पर खाकी कच्छा पहने हाँथो ने मरियल सी लठिया लिये जबरन 56’’ इंच का सीना फुलाये बड़ी बड़ी सभायें और लंबे लंबे भाषण बाले हिन्दू हितैषी RSS,VHP और बोट छाप हिन्दुत्व के पक्षधर BJP योद्धा की खामोशी किसी भी मुख्यमंत्री या नेता प्रतिक्ष से अधिक घातक और चिन्तनीय है की ये सूरमा ऐसी स्थितियों में किस बिल में दुबक जाते है, जिनकी हिन्दू अत्याचार पर बोलती ही बन्द हो जाती है, वह हिन्दू रक्षक हास्यास्पद बात है ।


    70/ से अधिक पीड़िता गुमनामी में खो जाती है
(रिपोर्ट दर्ज नहीं होती या नहीं कराई जाती)

लव-जिहाद में फँस कर पीड़ित लड़कियों/महिलाओं की यह लिस्ट सिर्फ उनका संकलन है, जिन्होंने हिम्मत कर रिपोर्ट दर्ज करवाई। लेकिन कई ऐसे मामले अछूते रहे हैं ,जो अभी चर्चा में नहीं आया है। विभिन्न कारणों से समाज में ऐसे कई और मामले भी होंगे, जो पुलिस-प्रशासन तक नहीं पहुँचे। कुछ ऐसे होंगे, जिन्हें मीडिया ने दबा दिया होगा। ऐसे ही कुछ प्रमुख लव जिहाद इस प्रकार से है। 

आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2022 में उत्तर प्रदेश से 65 मध्य प्रदेश से 37 झारखंड से 12 गुजरात और उत्तराखंड से 7-7 दिल्ली और कर्नाटक 5-5 महाराष्ट्र से 4 बिहार से 3 केरल, हरियाणा, राजस्थान से 2-2 जबकि असम से लव जिहाद का 1 मामला सामने आया। इनमें दिल्ली की श्रद्धा, पूर्णिया की नीलम तथा झारखंड की रविका को टुकड़ों में काट कर फेंक दिया गया । सूत्रों का दावा है कि  जनवरी में 11 केस, फरवरी में 4 केस, मार्च में 12 केस, अप्रैल में 8 केस, मई में 10 केस, जून में 11 केस, जुलाई में 17 केस, अगस्त में 11 केस, सितंबर में 14 केस, अक्टूबर में 7 केस, नवंबर में 22 केस, दिसंबर में 25 केस उजागर हुए जबकि इस तरह के मामलों में पाया गया है कि  इस्लामी नाम को छुपाना। छद्म हिंदू नाम रख कर, हाथ में कलावा बाँध कर हिंदू लड़कियों को फँसाया जाता है। लव जिहाद की  कुल 153 रिपोर्ट में से 99 मामलों में आरोपितों ने मजहबी पहचान को छुपाया, हिंदू नाम रख कर हिंदू लड़कियों से मिला, उनसे दोस्ती की, प्यार के जाल में फाँसा। इन मामलों में 6 ऐसे भी हैं, जिन्होंने ये तक छिपाया कि वो पहले से शादीशुदा हैं। 21 मामलों में लड़की के अंतरंग पलों/सेक्स करते समय के वीडियो से धमकी दी गई। 22 मामलों में देवी-देवता की मूर्तियों को तोड़ने से लेकर गौमांस खिलाने और बुर्का पहनने से लेकर दोस्तों या सगे-संबंधियों से रेप/गैंगरेप तक करवाया गया। 3 मामलों में लड़की या लड़की के परिवार वालों को ‘सर तन से जुदा’ की धमकी मिली, जिन लड़कियों को इन आरोपितों ने लव जिहाद का शिकार बनाया, उनमें से 28 की उम्र 18 साल से कम की है।  यदि हम कुछ चर्चित मामलों पर गौर करें तो इनमें से जनवरी महीने में जम्मू कश्मीर के रहने वाले एक मुस्लिम युवक लखनऊ की रहने वाली हिंदू युवती को लव जिहाद का शिकार बनाया। इसी तरह हिंदू समुदाय की एक लड़की जो एमएससी में गोल्ड मेडलिस्ट थी, वह एक मुस्लिम लड़के के प्रेम में पड़ गई। लड़का पास के होटल में वेटर था। उस समय वह बस यही जानती थी कि उसका नाम समीर है। दो साल बाद लड़की ने खुलासा किया कि उसे जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया। बुर्का पहनने और कुरान पढ़ने के अलावा समीर के अन्य दोस्तों के साथ सेक्स करने पर मजबूर किया । फरवरी के चर्चित मामले में  केरल पुलिस ने कोल्लम जिले के चथनूर से मोहम्मद नाजिम नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। इसने हिंदू नाम रख कर एक हिंदू लड़की को फंसाया। यह बहुत ही थोड़े से उदाहरण है, जब की सत्य और अकड़े जनता के बीच सरकार और मीडिया की मक्कारी के करण उजागर नहीं हो पाते है ।

                                           'लव जिहाद' की रेट सूची 

             सिख लड़की से शादी करने पर 7 लाख, ब्राह्मण से की तो 5 लाख

गुजरात में वॉट्सऐप पर 'लव जिहाद' के मैसेज अचानक मुल्लो की गलती या सरकार और प्रशासन से निर्भीकता के कारण वायरल हुए थे । इस मैसेज में मुस्लिम लड़कों से वादा किया गया है कि अगर वो दूसरे धर्मों की लड़कियों से शादी करते हैं, तो उन्हें मालामाल कर दिया जाएगा. इतना ही नहीं, अलग-अलग मजहब के हिसाब से इनाम की अलग-अलग रकम भी तय की गई है. लव-जिहाद का को प्रोत्साहन का खुलासा सरकार के लिये भले चिंता का विषय ना हो परन्तु हिंदुओ के खिलाफ यह गंभीर षड्यंत है जिस पर हिंदुओ की चिंता स्पष्ट है । गुजरात में सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म वॉट्सऐप पर एक एसएमएस वायरल हो गया है, जिसमें मुस्लिम लड़कों को दूसरे धर्म की लड़कियों से शादी करने के लिए उकसाया जा रहा है. इतना ही नहीं, इसके बदले में उन्हें अच्छी खासी रकम देने का वादा भी किया गया है

स्टूडेंट्स ऑफ मुसलिम यूथ फोरम' की तरफ से भेजे जा रहे इस मैसेज में मुसलिम लड़कों से दूसरे मजहब की लड़कियों को प्यार में फंसाने और उनसे शादी करने के  लिए उकसाने की कोशिश की जा रही है. हिन्दू लड़की पर 5, पंजाबी पर 7 लाख, इस विषय पर जी-न्यूज  की रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम लड़कों को भेजे जा रहे इस एसएमएस में अलग-अलग मजहब की लड़कियों से शादी  करने करने की एवज में रकम भी तय कर दी गई है. मैसेज में लिखा है, 'अगर कोई मुसलिम लड़का हिन्दू ब्राह्मण लड़की से शादी करता है तो उसे 5 लाख रुपये दिए जाएंगे. इसी तरह अगर कोई सिख पंजाबी लड़की से निकाह करता है तो उसे 7 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा, मैसेज में आगे लिखा है, 'अगर लड़की क्षत्रिय समुदाय की है तो 4.5 लाख रुपये कैश दिए जाएंगे, गुजराती ब्राह्मण लड़की है तो 6 लाख रुपये, पंजाबी हिन्दू है तो 6 लाख रुपये, क्रिश्चियन रोमन कैथोलिक है तो 4 लाख रुपये, क्रिश्चियन प्रोटेस्टैंट है तो 3 लाख रुपये, जैन समुदाय से है तो 3 लाख रुपये और अगर गुजराती कच्छ लड़की है तो 3 लाख रुपये कैश दिए जाएंगे. पता और फोन नंबर भी इस एसएमएस में चार पते दिए गए हैं. अगर कोई मुस्लिम लड़का किसी और मजहब की लड़की से शादी करने में सफल होता है, तो वो उन पतों पर  जाकर अपने इनाम की राशि ले सकता है. मैसेज में 11 मोबाइल नंबर भी लिखे हुए थे । इस बात की पुष्टि आज तक न्यूज़ ने भी की है ।

सारे तर्क और तथ्य इस बात की प्रामाणिकता को सिद्ध करते है की केरला में कम से कम एक लाख से अधिक लड़कियों का धर्मांतरण और शोषण हुआ है, अगर संपूर्ण भारत की बात की जाये तो यह संख्या कई करोड़ पहुँच जाती है । क्या यह देश के सन्तों, समाज सेवियो, सत्ता धारियो, विपक्ष के नेताओ, शासकीय अधिकारी / कर्मचारियों, व्यापारियो, महिला / पुरुष / वृहंगला अर्थात् जिसमे ने सम्बेदना है, जिसमे में स्वाँस है, जिसमे में पीड़ा और सोच है उसके लिये चिंता और चिंतन का विषय नहीं है …..? 


कश्मीर फ़ाईल या केरल स्टोरी हिन्दू बच्चियों या संपूर्ण हिन्दू समाज पर अत्याचार को रोकने का आधार नहीं है, ऐसी फिल्मो से कुछ तथ्य उजागर होते है, कुछ छणिक सम्बेदनाये पनपती है और पुनः वही आम जिन्दगी आज पेट भरने या निज स्वार्थ पूर्ति की आपा धापी के बोझ में कल का भविष्य दबकर सांसे तोड़रहा है , कभी कभी जब तक मुसलमान फिल्मो का विरोध नहीं शुरू करते तब तक ही ऐसी फिल्मो के माध्यम से अपनो के मौत के आँकड़ो को देख कर हिन्दू आँसू बहाता रहेगा और भविष्य की छाती पर खड़ा होकर मुल्लो के साथ अपनी मौत / अपने समूल अंत तक भाई चारा निभाता रहेगा । सरकार किसी की सगी नहीं ये सत्ता के भूखे भेड़िये है जो बोटो के प्रलोभन में कभी भी अपनी सुन्नत / ख़तना करा सकते है ।

      जो स्वाभिमानी है, देशभक्त है, जिन्दा है
       चिंता और चिंतन भी उसे ही करना होगा ।
                                                               
जागो रे जागो

आपका
देवेन्द्र पाण्डेय "डब्बू जी "

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